अमेरिका के एक अस्पताल में पांच महीने पहले जन्मी दुनिया की सबसे छोटी बच्ची

चित्रकूट में बूथ लेवल अधिकारियों संग हुई बैठक हमीरपुर में व्यय प्रेक्षक ने किया निरीक्षण कांग्रेस को हराने के लिए कांग्रेसी ही काफी है : वित्त मंत्री जेपी दलाल स्वीप कार्यक्रम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने दावा किया है कि भाजपा 4 सौ का आंकड़ा पार करेगी और प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगी जीतू पटवारी ने अलीराजपुर में की प्रेस कांफ्रेंस मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रचार प्रसार- बैतूल कांग्रेस को रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का अनुभव और हमें जनसेवा का : मनोहर लाल रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने अगस्त्यमुनि से गौरीकुंड तक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया मौसम- प्रदेश मूक बधिर नव दंपत्ति ने शत-प्रतिशत मतदान का दिया संदेश रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का लखनऊ एयरपोर्ट पर किया गया स्वागत जोधपुर : एनसीबी और गुजरात एटीएस कि कार्यवाही 300 करोड़ की ड्रग्स बरामद झुंझुनू : सरपंच नीरू यादव अमेरिका के न्यूयॉर्क में देगी उद्बोधन पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पहली मई से शुरू होगी बाघों की गणना पीलीभीत के राजेश राठौर गीत के माध्यम से मतदाताओं को कर रहे जागरूक निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण के लिए अधिसूचना जारी कर दी है लोकसभा चुनावों के चौथे चरण के लिए नाम वापस लेने की आज अंतिम तिथि है राजनाथ सिंह के नामांकन को लेकर लखनऊ में विशेष उत्साह, सुरक्षा बल तैनात आज का राशिफल

अमेरिका के एक अस्पताल में पांच महीने पहले जन्मी दुनिया की सबसे छोटी बच्ची

Deepak Chauhan 13-06-2019 15:37:58

अमेरिका के सैन डिएगो स्थित एक अस्पताल ने गुरुवार को दुनिया के सबसे छोटे नवजात (वजन और शरीर में) के जीवित रहने का खुलासा किया। बेबी सेबाई का जन्म के वक्त वजन महज 245 ग्राम था और  शरीर सेब से भी छोटा था। अमेरिका की आइओवा यूनिवर्सिटी की ‘टाइनिएस्ट बेबीज रजिस्ट्री’ में उसे दुनिया का सबसे छोटा जीवित नवजात के तौर पर दर्ज किया गया।


सैन डिएगो के शार्प मैरी बिर्च अस्पताल के मुताबिक, सेबाई का जन्म दिसंबर 2018 में हुआ था। इसके बाद करीब पांच महीने तक इसका इलाज चला। हाल ही में स्वस्थ होने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दी गई। सेबाई का जन्म गर्भावस्था के 23वें हफ्ते में हुआ। एक सामान्य गर्भावस्था 40 हफ्तों की होती है। डॉक्टरों ने पहले ही पिता को बता दिया था कि उनके पास अपनी बेटी को देखने के लिए सिर्फ एक घंटा है, क्योंकि इतने कम वजन वाले बच्चों का जीवित रहना बेहद मुश्किल होता है।


डॉक्टर की कोशिश से बच्ची बच गई

अस्पताल ने बच्ची की मां का एक वीडियो भी जारी किया है। इसमें उन्होंने बताया गया कि डॉक्टरों ने बच्ची के एक घंटे तक जीवित रहने की संभावना जताई थी। हालांकि, डॉक्टरों की कोशिश
से बच्ची पहले दो घंटे, फिर कुछ दिन और इसके बाद कुछ हफ्तों तक जीवित रह गई। ऐसा इसलिए की डॉक्टर खुद इसके जीवित रहने को लेकर कोई ठोस दावा नहीं कह पा रहे थे। 


नर्स ने कहा- हथेली में समा जाती थी

अस्पताल के आईसीयू में पांच महीने तक रखे जाने के बाद उसका वजन 2.2 किलो तक पहुंच गया। इसके बाद ही डॉक्टरों ने उसे डिस्चार्ज किया। अस्पताल में सेबाई का ख्याल रखने वाली नर्स किम नोर्बी के मुताबिक, बच्ची का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है। एक और नर्स एमा ने कहा कि सेबाई जन्म के समय इतनी छोटी थी बिस्तर पर दिखाई ही नहीं देती ती। वो हथेली में ही समा जाती थी।


जापान में जन्मा था 258 ग्राम का बच्चा 

इससे पहले अक्टूबर 2018 में टोक्यो के एक अस्पताल में सबसे कम वजन के बच्चे का जन्म हुआ था। जन्म के वक्त उसका वजन 258 ग्राम था। 6 महीने से अधिक चले इलाज के बाद इसका वजन 3 किलो हो गया है। इससे पहले ये रिकॉर्ड जापान के ही एक बच्चे के नाम था, जिसका जन्म के समय वजन 268 ग्राम था।


वीडिओ APF NEWS AGENCY के ट्विटर से 

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :