मनुष्य एक भावना प्रधान प्राणी है. प्रेम, करुणा, दया, ममता, गुस्सा, डर जैसी कई भावनाएं हैं जिनके जरिए वो अपने एहसास जताता है. मनुष्य के मन में डर एक ऐसी भावना है जो उसकी कई खासियतों पर हावी हो जाती है. लोग कई बार अपने शारीरिक डर से तो निजात पा लेते हैं लेकिन मानसिक डर से छुटकारा पाना हर किसी के बस की बात नहीं है. इसके पीछे कई मनोवैज्ञानिक कारण जिम्मेदार हो सकते हैं. क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे मंत्र भी हैं जिनका स्मरण करके आप डर का मुकाबला कर सकते हैं.
बजरंगबली को हिम्मत का देवता माना जाता है. प्रतिदिन सुबह नित्यकर्म निपटाने के बाद स्नान करके बजरंगबली की फोटो के सामने खड़े होकर 108
बार 'ॐ एम ह्रीम हनुमते रामदूताए नमः' मंत्र का जाप करें. इसकी जगह आप हनुमान चालीसा का भी पाठ कर सकते हैं.
भोलेशंकर का महामृत्युंजय मंत्र तो मौत पर विजय हासिल करने के लिए मशहूर है. अगर जातक की कुंडली में शीघ्र मृत्यु का योग है या आपको मौत से डर लगता है तो आपको प्रतिदिन 'ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्' मंत्र का जाप करना चाहिए.
मां दुर्गा शक्ति का प्रतीक हैं. जब भी मुश्किल हालात में फंसे या किसी चीज को लेकर मन में डर बैठ जाए तो 'यस्याः प्रभावमतुलं भगवाननन्तो ब्रह्मा हरश्च न हि वक्तमलं बलं च. सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनाय नाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु.' मंत्र का जाप करें. ऐसा करने वाले भक्त की मां दुर्गा रक्षा करती हैं.
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