मोदी सरकार की मंशा RTI को कमजोर करने की है, पर देश की जनता इसे पसंद नहीं करेगी: सोनिया गाँधी

चित्रकूट में बूथ लेवल अधिकारियों संग हुई बैठक हमीरपुर में व्यय प्रेक्षक ने किया निरीक्षण कांग्रेस को हराने के लिए कांग्रेसी ही काफी है : वित्त मंत्री जेपी दलाल स्वीप कार्यक्रम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने दावा किया है कि भाजपा 4 सौ का आंकड़ा पार करेगी और प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगी जीतू पटवारी ने अलीराजपुर में की प्रेस कांफ्रेंस मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रचार प्रसार- बैतूल कांग्रेस को रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का अनुभव और हमें जनसेवा का : मनोहर लाल रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने अगस्त्यमुनि से गौरीकुंड तक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया मौसम- प्रदेश मूक बधिर नव दंपत्ति ने शत-प्रतिशत मतदान का दिया संदेश रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का लखनऊ एयरपोर्ट पर किया गया स्वागत जोधपुर : एनसीबी और गुजरात एटीएस कि कार्यवाही 300 करोड़ की ड्रग्स बरामद झुंझुनू : सरपंच नीरू यादव अमेरिका के न्यूयॉर्क में देगी उद्बोधन पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पहली मई से शुरू होगी बाघों की गणना पीलीभीत के राजेश राठौर गीत के माध्यम से मतदाताओं को कर रहे जागरूक निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण के लिए अधिसूचना जारी कर दी है लोकसभा चुनावों के चौथे चरण के लिए नाम वापस लेने की आज अंतिम तिथि है राजनाथ सिंह के नामांकन को लेकर लखनऊ में विशेष उत्साह, सुरक्षा बल तैनात आज का राशिफल

मोदी सरकार की मंशा RTI को कमजोर करने की है, पर देश की जनता इसे पसंद नहीं करेगी: सोनिया गाँधी

23-07-2019 12:30:39

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने आरटीआई कानून में संशोधन के प्रयासों की आलोचना की है. उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उनकी मंशा आरटीआई को कमजोर करने की है. केंद्र सरकार आरटीआई को कमजोर करने के लिए अपने बहुमत का इस्तेमाल कर सकती है, लेकिन इससे देश की जनता पसंद नहीं करेगी.

मंगलवार को एक बयान जारी कर सोनिया गांधी ने कहा, "यह अत्यंत चिंता का विषय है कि केंद्र सरकार ऐतिहासिक सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम, 2005 को पूरी तरह से ध्वस्त करने पर आमदा है. यह कानून सलाह के बाद तैयार किया गया था और संसद द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया था, यह कानून अब खत्म होने के कगार है." बता दें कि सूचना का अधिकार (संशोधन) बिल 2019 के तहत सरकार को ये शक्ति मिल सकती है कि वह सूचना आयुक्तों की तनख्वाह और नौकरी की दूसरी शर्तों को तय कर सके.

सरकार के कदम की आलोचना करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि पिछले 10 सालों से ज्यादा समय में हमारे देश
के 60 साल महिला-पुरुषों ने सूचना के अधिकार कानून का इस्तेमाल किया है और प्रशासन के अलग-अलग स्तरों पर पारदर्शिता लाने की कोशिश की है. सोनिया ने कहा कि इन प्रयासों की वजह से हमारा लोकतंत्र काफी मजबूत हुआ है. उन्होंने कहा कि सूचना अधिकार से जुड़े कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर इस कानून का इस्तेमाल किया जिससे गरीबों और हाशिये पर गए लोगों को इसका फायदा मिला.

सोनिया ने कहा, "ये साफ है कि मौजूदा केंद्र सरकार आरटीआई कानून को एक बाधा समझती है और केंद्रीय सूचना आयुक्त के स्वतंत्र वजूद को खत्म करना चाहती है, जिसे इस कानून में मुख्य चुनाव आयुक्त और केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के बराबर दर्जा दिया गया था. केंद्र सरकार सदन में अपने बहुमत का इस्तेमाल इस उद्देश्य को हासिल करने में कर सकती है, लेकिन इस प्रक्रिया में वह देश के प्रत्येक नागरिक को कमजोर करेगी."

हालांकि केंद्र ने सोमवार को विपक्ष की इन शंकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि सरकार सूचना के अधिकार कानून की स्वायत्तता और इसकी पारदर्शिता का बनाये रखने को लेकर प्रतिबद्ध है.

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :