अब स्मार्टफोन से कंट्रोल होगा इंसान का दिमाग, पेश हुई फ्लेक्सिबल चिप

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अब स्मार्टफोन से कंट्रोल होगा इंसान का दिमाग, पेश हुई फ्लेक्सिबल चिप

Deepak Chauhan 18-07-2019 17:10:42

टेस्ला के चीफ एग्जिक्यूटिव और स्पेस-एक्स के संस्थापक एलन मस्क का स्टार्टअप न्यूरोलिंक इंसान के दिमाग को पढ़ने और उसे बीमारी के वक्त नियंत्रित करने पर काम कर रहा है। मस्क ने बुधवार को इससे जुड़ी तकनीक और एक फ्लेक्सिबल चिप को पेश किया। इसे इंसानों के दिमाग में इम्प्लांट किया जाएगा।


मरीज के दिमाग को पढ़ सकेंगे और डेटा एकत्रित कर सकेंगे

  • एलन का कहना है कि इस डिवाइस का इस्तेमाल याददाश्त बढ़ाने, ब्रेन स्ट्रोक या अन्य न्यूरोलॉजिकल रोगों से ग्रस्त मरीजों में किया जाएगा। इसके अलावा,लकवाग्रस्त मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होगी। हम मरीज के दिमाग को पढ़ सकेंगे और डेटा एकत्रित कर सकेंगे। न्यूरोलिंक ने बताया कि अभी तक इसका परीक्षण बंदरों और चूहों पर किया जा चुका है, जो कामयाब रहा है।
  • यह चिप बहुत पतली है। यह 1000 तार से जुड़ी है। ये तार चौड़ाई में इंसानों के बाल के दसवां हिस्से के बराबर हैं। न्यूरोलिंक का कहना है कि इसे बनाने में दो साल से ज्यादा का वक्त लगा। 
  • डिवाइस को रोबोट
    द्वारा दिमाग में इंस्टाल किया जाएगा। सर्जन इस रोबोट की मदद से व्यक्ति की खोपड़ी में 2 मिलीमीटर छेद करेंगे। फिर चिप को छेद के जरिए दिमाग में लगाया जाएगा। 
  • तार या थ्रेड्स के इलेक्ट्रॉड्स न्यूरल स्पाइक्स को मॉनिटर करने में सक्षम होंगे। ये इलेक्ट्रॉड्स ना सिर्फ इंसानों के दिमाग को पूरी तरह से जान पाएंगे, बल्कि उनके व्यवहार में आने-वाले उतार-चढ़ाव को भी समझ पाएंगे। 
  • न्यूरोलिंक ने बताया कि सभी पैरामीटर खरा उतरने के बाद 2020 की शुरुआत में इसे मानव ट्रायल के लिए एफडीए से मंजूरी लेने की योजना है।


कैसे काम करेगी

न्यूरालिंक टेक्नॉलजी इंसान के मस्तिष्क में चिप और वायर के जरिए काम करेगी। ये चिप रिमूवेबल पॉड से लिंक्ड होंगे, जिन्हें कानों के पीछे फिट किया जाएगा। और वायरलेस से दूसरे डिवाइस से कनेक्ट किया जाएगा। इसके जरिए मस्तिष्क के अंदर की जानकारी सीधे स्मार्टफोन या फिर कम्प्यूटर में फीड होगी। अमेरिका मीडिया के मुताबिक, एलन मस्क ने न्यूरोलिंक स्टार्टअप में 100 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। इसका मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को में है।

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