सेहतमंद रहने के लिए मीठे से करनी चाहिए भोजन की शुरुआत

चित्रकूट में बूथ लेवल अधिकारियों संग हुई बैठक हमीरपुर में व्यय प्रेक्षक ने किया निरीक्षण कांग्रेस को हराने के लिए कांग्रेसी ही काफी है : वित्त मंत्री जेपी दलाल स्वीप कार्यक्रम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने दावा किया है कि भाजपा 4 सौ का आंकड़ा पार करेगी और प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करेगी जीतू पटवारी ने अलीराजपुर में की प्रेस कांफ्रेंस मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रचार प्रसार- बैतूल कांग्रेस को रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार का अनुभव और हमें जनसेवा का : मनोहर लाल रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने अगस्त्यमुनि से गौरीकुंड तक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया मौसम- प्रदेश मूक बधिर नव दंपत्ति ने शत-प्रतिशत मतदान का दिया संदेश रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का लखनऊ एयरपोर्ट पर किया गया स्वागत जोधपुर : एनसीबी और गुजरात एटीएस कि कार्यवाही 300 करोड़ की ड्रग्स बरामद झुंझुनू : सरपंच नीरू यादव अमेरिका के न्यूयॉर्क में देगी उद्बोधन पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पहली मई से शुरू होगी बाघों की गणना पीलीभीत के राजेश राठौर गीत के माध्यम से मतदाताओं को कर रहे जागरूक निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण के लिए अधिसूचना जारी कर दी है लोकसभा चुनावों के चौथे चरण के लिए नाम वापस लेने की आज अंतिम तिथि है राजनाथ सिंह के नामांकन को लेकर लखनऊ में विशेष उत्साह, सुरक्षा बल तैनात आज का राशिफल

सेहतमंद रहने के लिए मीठे से करनी चाहिए भोजन की शुरुआत

09-07-2019 14:40:18

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान को नैवेद्य के रुप में मीठा भोग लगाया जाता है। इसके बाद भोजन की शुरुआत भगवान का प्रसाद लेकर ही करनी चाहिए। भोजन में परोसी गई मीठी वस्तु से खाने की शुरुआत करना शुभ माना जाता है। इस परंपरा के पीछे वैज्ञानिक कारण भी छुपा हुआ है। आयुर्वेद ग्रंथों में बताया गया है कि मीठे से भोजन की शुरुआत करनी चाहिए, वहीं विज्ञान का भी मानना है कि एक स्वस्थ इंसान को मीठा खाकर ही भोजन की शुरुआत करनी चाहिए।

इस परंपरा के बारे में क्या कहता है विज्ञान

मीठे से भोजन की शुरुआत करना सेहत के लिए अच्छा रहता है। ये सेहत का ध्यान रखने वाली अच्छी आदतों में से एक हैं। डाइटिशियन डॉ प्रीति शुक्ला के अनुसार एक स्वथ्य व्यक्ति को भोजन की शुरुआत मीठे से करनी चाहिए। ऐसा
करने से इंसुलिन सिक्रेशन होता है। जिससे भूख खुलती है या कह सकते हैं कि खाने में रुचि जाग जाती है। जिससे भाेजन जल्दी पचता है और उससे ऊर्जा भी मिलती है।

आयुर्वेद के अनुसार

रिटायर्ड आयुर्वेद जिला चिकित्सा अधिकारी रोशन लाल मोड़ ने बताया चरक संहिता के अनुसार आयुर्वेद में 6 तरह के रस बताए गए हैं। जिनको ध्यान में रखते हुए भोजन की शुरुआत मीठे से करनी चाहिए। इसके बाद खट्टा, चटपटा, कड़वा और फिर कसैला भोजन किया जाता है। इससे पाचन क्रिया व्यवस्थित होती है। मीठे से की गई भोजन की शुरुआत पाचन क्रिया के लिए अच्छी मानी गई है। इससे शरीर में अन्य प्रकार के रसों का भी संतुलन बना रहता है।

आयुर्वेद में बताए गए 6 रस

मधुर ( मीठा), अम्ल ( खट्टा), लवण (नमकीन), कटु (चरपरा), तिक्त (कड़वा, नीम जैसा) और  कषाय (कसैला)

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :