रुक्मणि चौरसिया
लोकल न्यूज़ ऑफ़ इंडिया
भारत में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड मामलों के बीच संक्रमण के एक नए प्रकार ने चिंता बढ़ा दी है. बताया गया है कि देश में वायरस के ट्रिपल म्यूटेशन (Triple Mutation) ने दस्तक दे दी है. देश के कई हिस्सों में इसके मरीज मिले हैं. म्यूटेशन तब होता है जब वायरस अपना स्वरूप बदलता रहता है. ये जितना अधिक फैलता है उतना ही अपना स्वरूप बदलता है. भारत में ऐसा डबल म्यूटेशन (Double mutation) वैरिएंट में ऐसा देखा गया था.
देश में कोविड-19 के डबल म्यूटेशन स्ट्रेन का पता पहली बार पिछले साल पांच अक्टूबर में जीनोम अनुक्रमण (Genome Sequencing) के जरिए पता चला. विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के उछाल में इसकी बड़ी भूमिका रही.
भारत के लिए वायरस के नए वैरिएंट का क्या मतलब?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक ट्रिपल म्यूटेंट स्ट्रेन भारत के लिए अगली चुनौती के रूप में सामने आ सकता है. इसके आतंक मचाने से पहले
इसे हराने के लिए जल्द से जल्द अधिक से अधिक जानकारी की जरुरत है. आसान शब्दों में समझें तो ट्रिपल म्यूटेशन यानी कोरोना के तीन अलग-अलग स्ट्रेन का मिलकर एक नया वैरिएंट बनना। ट्रिपल म्यूटेशन के वैरिएंट महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में लोगों के नमूनों में मिले हैं.
नए म्यूटेंट को पूरी तरह समझने के लिए संबंध में विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है. इस संबंध में एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट ने लिखा है- पश्चिम बंगाल ऐसे म्यूटेशन के लिए हॉटस्पॉट बन रहा है. हमें बहुत अधिक टेस्ट करने की जरुरत है. ट्रिपल म्यूटेशन वैरिएंट कितना घातक है या यह कितनी तेजी से फैलता है, इसका पता लगाने के लिए अभी शोध करने पड़ेंगे. इस बीमारी को समझने के साथ इसकी सीक्वेंसिंग को भी युद्धस्तर पर समझना होगा. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि वायरस में हो रहे म्यूटेशन की वजह से भारत के अलावा पूरी दुनिया में संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं.
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