श्वेतांबर जैन समाज के पर्युषण पर्व शुरू

उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुले, चारधाम यात्रा हुआ आगाज उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गये भारतीय तट रक्षक बलों ने जहाजों के निर्माण टिहरी जिले में पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त रखने के दिए निर्देश अवैध शराब छापेमारी अक्षय तृतीय के मौके पर श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में किया गंगा स्नान कन्नौज --अखिलेश की जीत के लिए पत्नी डिंपल यादव बेटी अदिति मांग रही वोट भारत और ब्रिटेन के बीच रणनीतिक वार्ता कल नई दिल्ली में हुई मौसम विभाग ने अनुमान व्‍यक्‍त किया है कि आज राजस्‍थान के विभिन्‍न भागों में भीषण गर्मी का प्रकोप बना रहेगा लोकसभा चुनाव के छठे चरण में नाम वापसी के बाद 93 प्रत्याशी चुनावी मैदान में कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र से 31 प्रत्याशी लडेंग़े लोकसभा चुनाव दसवीं की प्रावीण्य सूची में जशपुर की सिमरन शब्बा और बारहवीं में महासमुंद जिले की महक अग्रवाल पहले स्थान पर फरीदाबाद लोक सभा चुनाव में चुनाव चिन्हों का आवंटन किया गया गया गोरखपुर मे मतदाता जागरूकता हेतु छात्रों ने सजाई रंगोली मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ मंदिर में किया रुद्राभिषेक पीलीभीत में सड़क हादसे में तीन की मृत्यु, चार दर्जन लोग घायल आज का राशिफल मथुरा में बाढ़ स्टीयरिंग ग्रुप की तैयारियों के संबंध में हुई बैठक कैथल जिला रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा लगाए रक्तदान शिविर में 326 लोगों ने रक्तदान किया । गृहमंत्री अमित शाह ने कन्नौज में जनसभा को किया संबोधित

श्वेतांबर जैन समाज के पर्युषण पर्व शुरू

Khushboo Diwakar 27-08-2019 13:13:54

रायपुर. जैन धर्म के श्वेतांबर और दिगंबर समाज भाद्रपद मास में पर्युषण पर्व मनाता है. पर्युषण को जैन धर्म के लोग काफी महत्वपूर्ण त्योहार मानते हैं. यह त्योहार लगातार दस दिन तक चलता है. जैन धर्म के अनुयायी उत्तम क्षमा, उत्तम मार्दव, उत्तम आर्जव, उत्तम शौच, उत्तम सत्य, उत्तम सत्य, उत्तम संयम, उत्तम तप, उत्तम त्याग, उत्तम अकिंचन्य, उत्तम ब्रह्मचर्य के जरिए आत्मसाधना करते हैं. यह पर्व 27 अगस्त से शुरू होगा और 3 सितंबर तक चलेगा. 

इस त्योहार को मनाने के दौरान लोग अगले 8 से 10 दिन तक ईश्वर के नाम पर उपवास करते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. श्वेतांबर समाज 8 दिन तक इस त्योहार को मनाते हैं, जिसे अष्टान्हिका कहा जाता है. जबकि दिगंबर समाज के अनुयायी दस दिन तक पर्युषण पर्व को मनाते हैं, जिसे दसलक्षण कहते हैं.

इस त्योहार की मुख्य बातें जैन धर्म के पांच सिद्धांतों पर आधारित हैं. जैसे कि अहिंसा यानी कि किसी को कष्ट ना पहुंचाना, सत्य, अस्तेय यानी कि चोरी ना करना,
ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह यानी कि जरूरत से ज्यादा धन एकत्रित ना करना. 

पर्युषण का आमतौर पर यह मतलब है कि मन के सभी विकारों का खात्मा करना. यानी कि मन में उठने वाले सभी प्रकार के बुरे विचार को इस त्योहार के दौरान खत्म करने का व्रत ही पर्युषण महापर्व है. इन विकारों पर जीत हासिल कर शांति और पवित्रता की तरफ खुद को ले जाने का उपाय ढूंढते हैं. भाद्रपद मास की पंचम तिथि से शुरू होकर यह पर्व अनंत चतुर्दशी की तिथि तक मनाया जाता है.

हिंदू धर्म के नवरात्रि के समान यह त्योहार माना जाता है. यह पर्व जैन धर्म के मुख्य सिद्धांत अहिंसा के व्रत पर चलने की राह दिखाता है. इस पर्व के दौरान जैन धर्म के लोग पूरे संसार के लिए मंगलकामना करते हैं और अनजाने में की गई गलतियों के लिए माफी मांगते हैं. मॉनसून के दौरान मनाया जाने वाला यह त्योहार पूरे समाज को प्रकृति से जुड़ने का सीख भी देता है. 







  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :