तांबे के बर्तन में पानी पीने से मिलते हैं अधिक फायदे

देश के प्रत्येक मतदाता के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी 103 वर्षीय हरदेई देवी हरियाणा में कांग्रेस टिकट बंटने पर सियासत हुई तेज टनकपुर मथुरा जंक्शन के बीच चलने वाली स्पेशल गाड़ी का 31 दिसंबर तक हुआ विस्तार राज्य निर्वाचन आयोग हिमाचल प्रदेश की पहल मिशन 414 'रामायण' से Ranbir Kapoor- Sai Pallavi का फर्स्ट लुक आउट छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में पिछले चुनाव के मुकाबले 1.3 प्रतिशत मतदान अधिक दर्ज किया गया लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत जिला फतेहाबाद के अन्य राज्यों की सीमाओं से लगता क्षेत्र में ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त करके सड़कों पर चलाए सगन अभियान ट्रैफिक को रोककर ली जा रही है तलाशी निष्पक्ष चुनाव करवाने की तरफ उठाया गया कदम भारतीय वायु सेना ने डिजीलॉकर मंच के साथ एक परिवर्तनकारी डिजिटल यात्रा की शुरुआत की है पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत उत्तराखंड में 30 अप्रैल तक बारिश के आसारः मौसम विभाग राजस्थान-मतदान प्रतिशत राजस्थान-मौसम उत्तराखंड : नैनीताल के जंगलों में वनाग्नि पर काबू पाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर की ली जा रही मदद स्वीप कोषांग की ओर से जुबली पार्क में दीपोत्सव का आयोजन पर्यावरण संरक्षण के लिए पिछले 15 साल से प्रयासरत अशोक गुप्ता ने हिसार में सैंकड़ों पेड पौधे लगाए हैं हिसार निवासी रोहताश बेसहारा व बेजुबान पशु पक्षियों की सेवा करते हैं चंबा जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर की बड़ग्रां पंचायत में पलानी पुल का निर्माण न होने पर ग्रामीणों ने प्रशासन व सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी बर्फवारी से किसान बागवानों की चिन्ता बढ़ी पीलीभीत में छात्र-छात्राओं को दी गई बेहतर भविष्य बनाने की जानकारी

तांबे के बर्तन में पानी पीने से मिलते हैं अधिक फायदे

Khushboo Diwakar 11-07-2019 12:26:34

प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद में कहा गया है कि तांबे के बर्तन में रखा गया पानी शरीर के तीनों दोषों- वात, कफ और पित्त को संतुलित करता है। ऐसे पानी को ‘ताम्रजल’ कहा जाता है। तांबे के पात्र में कम से कम आठ घंटे रखने के बाद ही पीना चाहिए, तभी अधिकतम लाभ मिलते हैं। दिन में दो या तीन बार भी इसका सेवन पर्याप्त होता है, बाक़ी समय सादा पानी पिया जा सकता है।
 

पानी में अवशोषित हो जाता है तांबा

  1. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि रोज़ाना एक लीटर पानी में 2 मि.ग्रा. तक तांबे का सेवन शरीर के लिए अच्छा है। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, तांबे के बर्तन में कई घंटों तक रखा गया पानी तांबे का एक हिस्सा अवशोषित कर लेता है। यह पानी कई तरह से फायदा पहुंचाता है।

  2. भूलने की समस्या में फायदेमंद

    यह दिमाग को उत्तेजित करता है हमारा दिमाग इम्पल्स संचरण पर काम करता है। इसलिए तांबे के सेवन से दिमाग ज्यादा अच्छी तरह से काम करता है। यह मस्तिष्क को उत्तेजित करता है और भूलने जैसी समस्याओं से बचाता है। 

  3. बैक्टीरिया को नष्ट करता है

    तांबे में ओलिगो डायनैमिक गुण होते हैं, जिसके कारण यह बैक्टीरिया, ख़ासतौर पर ई-कोलाई और एस ऑरेस को नष्ट कर देता है। ये दोनों जीवाणु आमतौर पर पर्यावरण में पाए जाते हैं। ये डायरिया, पेचिश, पीलिया जैसी पानी से होने वाली बीमारियों के मुख्य कारक हैं। तांबे का पानी पीने से इनसे निजात मिलती है। 
     

  4. जोड़ों की सूजन को दूर करता है

    अर्थराइटिस और जोड़ों में सूजन तांबे में सूजनरोधी गुण भी होते हैं।
    यह अर्थराइटिस (गठिया वात) और रुमेटाइड अर्थराइटिस से होने वाले जोड़ों के दर्द और सूजन में आराम देता है। तांबा हड्डियों और प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाता है, इसलिए इन रोगों के मरीज़ों के लिए और भी फ़ायदेमंद है, जो मुख्यत: हड्डी के ही रोग हैं।
     

  5. गैस, एसिडिटी और अपच करता है दूर

    आजकल एसिडिटी, गैस और अपच आम दिक़्क़तें बन गई हैं। तांबा इनमें बहुत फ़ायदेमंद है। तांबा भोजन के हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट करने और पेट की सूजन दूर करने में मदद करता है। यह पेट के अल्सर, अपच एवं संक्रमण में भी मददगार है। यह पेट साफ़ करता है और लिवर व किडनी की कार्यप्रणाली को संतुलित बनाता है। शरीर से व्यर्थ पदार्थों को बाहर निकालने एवं पोषक पदार्थों के अवशोषण में भी सहायता करता है। 
     

कैसे चुनें असली तांबा

  1. चुंबक की मदद से तांबे की शुद्धता की पहचान सकते हैं। पांबे के लोटे, गिलास या बोतल पर चुंबक लगाकर देखें। यदि यह चिपक जाता है तो तांबा मिलावटी है। असली तांबे का रंग गुलाबी-नारंगी होता है। यदि तांबे का लोटा या बोतल आपके पास पहले से है तो उस पर नींबू रगड़ें और फिर पानी से साफ़ कर लें। यदि वे गुलाबी और चमकीला रंग लेते है तो तांबा शुद्ध है। 

  2. ऐसे साफ करें तांबे के बर्तन

    ऐसे बर्तन के भीतरी हिस्से को स्क्रब से रगड़कर साफ करें। बेहतर तरीक़ा है कि इसे नींबू से रगड़कर साफ़ किया जाए। रगड़कर कुछ मिनट के लिए छोड़ दें और फिर सादे पानी से धो लेंं। तांबे के बर्तन को साफ़ करने के लिए बेकिंग सोडे का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :