अमित शाह की 5 साल की बेहतरीन काम के बीजेपी पार्टी को बनाया बेहतर

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अमित शाह की 5 साल की बेहतरीन काम के बीजेपी पार्टी को बनाया बेहतर

kunika katiyar 10-07-2019 17:37:40

अमित शाह ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में 5 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. 2014 में जब उन्होंने अध्यक्ष पद संभाला उस समय पार्टी ऊंचाइयों पर थी. लेकिन अमित शाह उसे और बुलंदियों पर ले जाना चाहते थे. पद संभालते ही  शाह कुछ नया करने की ठान चुके थे. कुर्सी संभालने के तुरंत बाद जारी उनका एक निर्देश पार्टी नेताओं में चर्चा का विषय बन गया. इस आदेश का मजमून था- आज से चुनाव को छोड़कर बाकी मौकों पर राष्ट्रीय या अन्य स्तर के पदाधिकारियों का निजी जेट से चलना बंद. यह भी कह दिया कि चाहे मैं हूं या अन्य कोई भी पदाधिकारी, संगठन के काम से प्रवास के दौरान महंगे होटलों की जगह गेस्ट हाउस में ही ठहरेगा.

अमित शाह का मानना था कि निजी जेट की जगह ट्रेन से चलने पर साथ सफर कर रही जनता से पार्टी पदाधिकारी संवाद भी कायम कर सकते हैं. इस अवधि में पदाधिकारी न केवल रणनीतियां बना सकते हैं, बल्कि जनता में एक अच्छा संदेश भी दे सकते हैं. 9 जुलाई 2014 को अमित शाह के अध्यक्ष बनने की घोषणा हुई थी. इन 5 वर्षों में अमित शाह ने पार्टी की चाल और ढाल बदलकर रख दी. बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने 16 नए काम किए. जिसके दम पर बीजेपी आज कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष को हाशिए पर लाकर देश की सबसे ताकतवर पार्टी बनने में सफल हुई है. आंकड़ों को देखने पर पता चलता है कि पिछले 5 वर्षों के दौरान अमित शाह बीजेपी के लिए इलेक्शन विनिंग मशीन साबित हुए. बीजेपी नेताओं का मानना है कि इस दौरान विपक्ष के सामने जिस ढंग से सीना तान कर पार्टी खड़ी हुई, अमित शाह के बगैर संभव नहीं था.

यह अमित शाह ही रहे, जिनकी रणनीतियों की बदौलत बीजेपी के सदस्यों की संख्या 2 करोड़ 47 लाख 32 हजार 439 से करीब 5 गुना बढ़ा कर 11.20 करोड़ पहुंच गई. गौर करने वाली बात है कि दुनिया के सिर्फ एक दर्जन देशों की जनसंख्या 11 करोड़ से ज्यादा है. इस बार 6 जुलाई से शुरू हुए अभियान में बीजेपी ने 20 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया है. जानिए
अमित शाह के बीजेपी में किए गए 16 नए काम.

-कोर ग्रुप को किया सक्रिय

बीजेपी में पहले राष्ट्रीय से लेकर प्रदेश स्तर पर कोर ग्रुप को लेकर असमंजस की स्थिति रहती थी. मगर अमित शाह ने पहली बार पार्टी में कोर ग्रुप की अधिकृत व्याख्या की. उन्होंने प्रदेशों में 13 सदस्यों का कोर ग्रुप बनाया, जिसमें 8 पदेन सदस्य बनाए. डेढ़ महीने में कम से कम एक बैठक कर उसकी राष्ट्रीय अध्यक्ष तक रिपोर्ट भेजने की अनिवार्य व्यवस्था की. 23 अगस्त 2016 को दिल्ली में पहली बार एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में अमित शाह ने कोर ग्रुप की बैठक ली थी.  सामूहिक नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश स्तर पर कोर ग्रुप का गठन किया गया था.

-मिशन मोड में प्रवास

बीजेपी को सुस्ती से उबारने के लिए अमित शाह ने प्रवास योजना तैयार की. प्रदेशों की कार्यकारिणी को मिशन मोड में लाने  के लिए अमित शाह ने 12 केंद्रीय पदाधिकारियों की टीम गठित की. हर चार महीने में एक पदाधिकारी की तीन प्रदेशों में प्रवास करने की ड्यूटी लगाई. जिससे 4 महीने में ही सभी 36 प्रदेशों में बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों का प्रवास पूरा हो गया. वहीं एक पदाधिकारी साल में कम से कम 9 प्रदेशों का प्रवास करने में सफल रहा. वहीं तीन पदाधिकारी एक-एक प्रदेश में प्रवास करने में सफल रहा. प्रवास के दौरान अपने अनुभवों को पदाधिकारी रिपोर्ट की शक्ल देते थे. जिसके आधार पर अमित शाह ने 2019 की रणनीति बनाई.

- राज्यसभा सदस्यों के साथ बैठक

पहले बीजेपी में राज्यसभा सदस्यों की बैठक लेकर भी उन्हें जिम्मेदारियां नहीं सौंपी जाती थीं. मगर अमित शाह ने राज्यसभा सदस्यों की क्षमता का पूरा सदुपयोग करने की योजना बनाई. उन्होंने पार्टी में पहली बार राज्यसभा सदस्यों की अलग से बैठक की व्यवस्था बनाई. उन्होंने हर एक राज्यसभा सदस्य को 2014 के लोकसभा चुनाव में हारी हुई एक-एक सीटें गोद में दी जिसका 2019 में सकारात्मक परिणाम देखने को मिला. राज्यसभा सदस्यों के समूहों का गठन किया. उन्हें शोध और अध्ययन कर लोकसभा सदस्यों को प्रशिक्षण देने के लिए भी कहा. 31 अगस्त 2016 को पीएम मोदी की मौजूदगी में पहली बार अमित शाह ने राज्यसभा सदस्यों की दिल्ली में बैठक ली.



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