अंजलि यादव
लोकल न्यूज़ ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: बीसीसीआई अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली की तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई है.उन्हें कोलकाता के अपोलो हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है. गांगुली को अपोलो हॉस्पिटल में CCU 142 में भर्ती कराया गया है और यह क्रिटिकल केयर यूनिट के अंदर एक अलग कमरा है.
सौरव गांगुली को इस महीने की शुरुआत में 2 जनवरी को ही हार्ट अटैक आया था, जिसकी वजह से उनकी एंजियोप्लास्टी की गई थी. सौरव गांगुली की एंजियोप्लास्टी कोलकाता के वुडलैंड्स अस्पताल में की गई थी. अब उनकी तबीयत एक बार फिर बिगड़ने पर वुडलैंड्स अस्पताल की डॉक्टर रूपाली बसु ने कहा कि दादा (सौरव गांगुली) को धमनियों में रुकावटों के लिए परीक्षण करवाना है.
क्रिटिकल था सौरव गांगुली का ब्लॉकेज
इससे पहले कोलकाता के वुडलैंड्स अस्पताल में सौरव गांगुली का इलाज करने वाले डॉ. आफताब खान ने बताया था कि सौरव गांगुली के हार्ट में दो ब्लॉकेज थे. वुडलैंड्स अस्पताल की सीईओ डॉ. रूपाली बसु और डॉ. सरोज मंडल ने बताया था कि उनके हार्ट में कई ब्लॉकेज थे, जो 'क्रिटिकल थे'.
सफल कप्तानों में गिने जाते हैं सौरव गांगुली
सौरव गांगुली को भारत के सबसे सफल कप्तानों में गिना जाता है. गांगुली ने भारत के लिए 113 टेस्ट और 311 वनडे खेले. आपको बता दें कि सौरव गांगुली ने 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले ही टेस्ट में
शतक जड़कर अपने टेस्ट करियर जोरदार आगाज किया था. उन्होंने 49 टेस्ट और 147 वनडे मैचों में भारत की कप्तानी की. बाएं हाथ के स्टाइलिश बल्लेबाज सौरव गांगुली ने अपने करियर में 113 टेस्ट मैचों में 42.17 की औसत से 7212 रन बनाए, जिनमें 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं. वहीं 311 वनडे मैचों में उन्होंने 41.02 की औसत से 11363 रन बनाए, जिनमें 22 शतक और 72 अर्धशतक शामिल हैं. गांगुली ने टीम को ऐसे मुकाम पर पहुंचाया जो देश ही नहीं, बल्कि देश के बाहर भी जीतना जानती थी.
सौरव गांगुली के रिकॉर्ड्स
गांगुली की कप्तानी में ही टीम इंडिया 1983 के बाद 2003 में वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची. गांगुली की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम चैम्पियंस ट्रॉफी 2001 (श्रीलंका) और 2003 वर्ल्ड कप (दक्षिण अफ्रीका) के फाइनल में पहुंची. इसके अलावा भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 2002 में नेट वेस्ट सीरीज जीती, जिसके बाद उन्होंने लॉर्ड्स की बालकनी में कमीज उतारकर लहराई थी. पश्चिम बंगाल में आने वाले महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं. सौरव गांगुली को बंगाल की शान कहा जाता है. ऐसे में चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियों में गांगुली का कद और भी बढ़ जाता है. सौरव गांगुली भले ही किसी भी पार्टी में ना शामिल हों, लेकिन बीजेपी और टीएमसी जैसे दल उनसे अपनी करीबी दिखाकर लोगों का वोट हासिल करने में पीछे नहीं रहना चाहते.
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