अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: टाटा संस ने कर्ज में डूबी सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली जीत ली है. भारत सरकार ने टाटा संस की बोली स्वीकार कर ली है. जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा ने 1932 में एयरलाइन की स्थापना की थी. उस समय इस विमानन कंपनी को टाटा एयरलाइंस कहा जाता था.
उल्लेखनीय है कि सरकार एयर इंडिया में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है. विमानन कंपनी 2007 में घरेलू इकाई इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से घाटे में है. यह प्रक्रिया हालांकि जल्द पूरी की जानी थी लेकिन कोविड-19 के कारण हिस्सेदारी बिक्री प्रक्रिया में देरी हुई और सरकार ने एयर इंडिया की प्रारंभिक बोलियां जमा करने की समय सीमा पांच बार बढ़ाई.
बोली जमा करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर थी.
टाटा समूह एयरलाइन को खरीदने के लिए दिसंबर 2020 में रूचि पत्र जमा करने वाली कई इकाइयों में शामिल थी. एयर इंडिया को खरीदने वाले सफल बोलीदाता यानी टाटा संस को घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग तथा पार्किंग स्लॉट का नियंत्रण दिया जाएगा.
टाटा संस का को एयर इंडिया की सस्ती विमानन सेवा एयर इंडिया एक्सप्रेस का भी शत प्रतिशत नियंत्रण मिलेगा और एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी पर कब्जा होगा. एआईएसएटीएस प्रमुख भारतीय हवाईअड्डों पर कार्गो और जमीनी स्तर की सेवाओं को उपलब्ध कराती है.
गौरतलब है कि सरकार 2017 से ही एयर इंडिया के विनिवेश का प्रयास कर रही है. तब से कई मौके पर प्रयास सफल नहीं हो पाये. इस बार सरकार ने संभावित खरीदार को यह आजादी दी है कि वह एयर इंडिया का कितना कर्ज बोझ अपने ऊपर लेना चाहता है वह फैसला करे.
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