नीति आयोग ने मांगी दो-तीन पहिया बहन कंपनियों से प्लान रिपोर्ट

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नीति आयोग ने मांगी दो-तीन पहिया बहन कंपनियों से प्लान रिपोर्ट

Deepak Chauhan 22-06-2019 16:30:06

सरकार के थिंक टैंक माने जाने वाले नीति आयोग ने दो-तीन पहिया वाहन निर्माताओं से दो हफ्तों में इलेक्ट्रिक व्हीकल पर ठोस प्लान मांगा है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने कंपनियों को स्पष्ट किया कि इसे लागू करने की डेडलाइन 2025 मानकर चलें। शुक्रवार को आयोग ने व्हीकल इंडस्ट्री के निर्माताओं और स्टार्टअप्स के साथ बैठक की।

इसमें बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज, टीवीएस मोटर के को-चेयरमैन वी श्रीनिवासन, होंडा मोटरसाइकल और स्कूटर इंडिया के सीईओ एम कातो, ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर जनरल वी मेहता के अलावा नीति आयोग के वाइस-चेयरमैन राजीव कुमार और सीईओ अमिताभ कांत भी शामिल थे।


'भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमी-कंडक्टर क्रांति में पिछड़ा'

सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- बिना किसी रोड मैप या नीति के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लागू करना संभव नहीं हो सकता। 15 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में 14 भारत के हैं। यदि सरकार और उद्योग जगत ने अभी कोई कदम नहीं उठाए तो भारतीय अदालतें इस मामले में शामिल हो जाएंगी।


नीति आयोग की योजना है कि 2023 तक तीन पहिया वाहन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में बदल जाए। इसके अलावा जिन गाड़ियों के इंजन 150 सीसी से कम हैं, उन्हें भी 2025 तक इलेक्ट्रिक व्हीकल में बदला जाए। अधिकारी कांत ने कहा- इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को लेकर बैठक अच्छी रही। सभी इस बात पर राजी थे कि भविष्य इसी के साथ है।

अधिकारियों ने कहा कि भारत पहले ही इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमी-कंडक्टर क्रांति में पिछड़ चुका है। ऐसे में वह नहीं
चाहेगा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्रांति का मौका हाथ से निकले। यदि उद्योग जगत के बड़े नाम इस काम में आगे नहीं आते हैं तो स्टार्टअप्स इसे करेंगे। चीन में ऐसा हो भी चुका है। सरकार इस मामले को इंडस्ट्री के ऊपर थोपना नहीं चाहती है।

सूत्रों ने बताया कि इस मामले पर इंडस्ट्री के स्पष्ट तौर पर दो भाग देखने को मिले। इनमें एक पारंपरिक वाहन निर्माताओं जैसे बजाज, टीवीएस, होंडा का था जबकि दूसरा स्टार्ट अप्स जैसे रिवॉल्ट इंटेलीकॉर्प, एथर एनर्जी, काइनेटिक ग्रीन एनर्जी और पॉवर सॉल्यूशन का था।

रिवॉल्ट इंटेलिकॉर्प के संस्थापक राहुल शर्मा ने कहा- हम चाहते हैं कि जल्दी से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर परिवर्तन होना शुरू हो। प्रदूषण की समस्या को ध्यान में रखते हुए हमें 2023 की डेडलाइन को दिमाग में रखना चाहिए। हालांकि बजाज और श्रीनिवास ने टिप्पणी करने से मना कर दिया।

इस महीने की शुरुआत में बजाज ऑटो और टीवीएस मोटर कंपनी ने कहा था कि वर्तमान में चल रहे दो-तीन पहिया वाहनों को हटाकर 2025 तक इलेक्ट्रिक व्हीकल की शुरुआत करना और ऑटो मैन्युफैक्चरिंग को खत्म करना अवास्तविक और असामयिक है।

ऑटो इंडस्ट्री बॉडीज एसआईएएम और एसीएमए ने सरकार को सुझाव दिया कि इलेक्ट्रिक व्हीकल को देश में लागू करने के लिए बेहतर रोड मैप बनाया जाए। साथ ही इसके लिए व्यवहारिक समयसीमा तय की जाए। इंडस्ट्री चेंबर सीआईआई ने सरकार से कहा कि इससे संबंधित गोल्स और टाइम लाइन तय करने से पहले सरकार को व्यापक स्तर पर चर्चा कर लेना चाहिए।

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