अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके कहा है कि अब जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने के लिए स्थानीय प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी कुल मिलाकर सरकार ने अब यह प्रावधान कर दिया है कि जम्मू में अब कोई भी देश का नागरिक जमीन खरीद सकता है. इस फैसले से सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भड़क गए हैं.
उमर ने किया ट्वीट
उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट में लिखा कि जम्मू-कश्मीर में जमीन के मालिकाना हक के कानून में जो बदलाव किए गए हैं, वो स्वीकार करने लायक नहीं हैं. अब तो बिना खेती वाली जमीन के लिए स्थानीयता का सबूत भी नहीं देना है. अब जम्मू-कश्मीर बिक्री के लिए तैयार है, जो गरीब जमीन का मालिक है अब उसे और मुश्किलें होंगी.
घर के लिए जमीन खरीदने की इजाजत
गृह मंत्रालय
द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, फिलहाल, घर के लिए जमीन खरीदने की इजाजत दी गई है. अभी भी यहां खेती की जमीन खरीदने पर रोक जारी रहेगी. इस पूरे मामले पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का कहना है कि, हम चाहते हैं कि बाहर की इंडस्ट्री जम्मू-कश्मीर में लगें, इसलिए इंडस्ट्रियल लैंड में इन्वेस्ट की जरूरत है. उन्होंने कहा, फिलहाल, खेती की जमीन सिर्फ राज्य के लोगों को ही खरीदने की इजाजत होगी.
धारा-370 खत्म किए जाने के बाद हुआ संभव
बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा-370 खत्म किए जाने के बाद से बीते 31 अक्टूबर 2019 से जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील हो गया है. अब केंद्र शासित प्रदेश होने के एक साल पूरे होने पर जमीन के कानून में बदलाव किया गया है. इससे पहले जम्मू-कश्मीर में सिर्फ यहां के निवासी ही जमीन खरीद सकते थे.
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