अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: प्याज की कीमत कुछ ही दिनों में 35 से 40 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर 80 रुपए प्रति किलोग्राम के आसपास पहुंचने से देश में हाहाकार मच गया है. इससे केंद्र सरकार की नींद उड़ गई है. केंद्र सरकार ने प्याज की आसमान छूती खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्रीय सुरक्षित भंडार से प्याज की खेप उठाने को कहा है. इसके साथ ही, सरकार ने प्याज की जमाखोरी रोकने तथा इसके मूल्य को नियंत्रित करने के लिए तुरंत प्रभाव से भंडारण सीमा निर्धारित कर दी है.
थोक विक्रेताओं के लिए भंडारण सीमा की तय
प्याज के थोक विक्रेताओं के लिए भंडारण सीमा 25 टन और खुदरा विक्रेताओं के लिए यह सीमा 2 टन निर्धारित की गई है. उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने बताया कि प्याज की कीमत वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकारों से
खुदरा हस्तक्षेप के लिए बफर स्टॉक से प्याज लेने का अनुरोध किया गया है.
उन्होंने कहा कि असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु ने इसमें रुचि दिखाई है. ये राज्य बफर स्टॉक से कुल 8,000 टन प्याज ले रहे हैं.
प्याज के आयात पर भी विचार कर रही सरकार
सरकार प्याज के आयात पर भी विचार कर रही है. वहीं सरकार अब तक वर्ष 2019-20 की रबी फसल से की गई खरीद से बनाए गए 1,00,000 टन के बफर स्टॉक में से 30,000 टन प्याज बाजार में ला चुकी है. नासिक से सीधे 26-28 रुपए में प्रति किलो, डिलीवरी 30 रुपए में मिलेगी.
केंद्र नासिक के भंडारित बफर स्टॉक से 26- 28 रुपए प्रति किलोग्राम की खरीद दर पर उन राज्यों को प्याज की पेशकश कर रहा है, जो अपने आप स्टॉक उठाना चाहते हैं. जिन राज्यों को प्याज पहुंचाए जाने की जरूरत है, उनके लिए कीमत 30 रुपए प्रति किलोग्राम होगी.
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