लोकसभा चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद इस्तीफे की पेशकश के चलते कांग्रेस में उथल-पुथल मची हुई है। मंगलवार को प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला और सचिन पायलट उनसे मिलने पहुंचे। बताया जा रहा है कि आज राहुल की राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात हो सकती है। सोमवार को राहुल ने अपॉइंटमेंट देने के बाद भी गहलोत से मुलाकात नहीं की थी।
बताया जा रहा है कि राहुल इस्तीफा देने पर अड़े हैं। पार्टी उन्हें मनाने के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन बुला सकती है। राहुल ने शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कहा था कि गहलोत, कमलनाथ और चिदंबरम जैसे नेताओं ने बेटों- रिश्तेदारों को टिकट दिलाने की जिद की और उन्हीं को चुनाव जिताने में लगे रहे।
गहलोत ने राजस्थान में कुल 130 रैलियां और रोड शो किए। इनमें 93 सभाएं जोधपुर में कीं। जोधपुर से कांग्रेस ने गहलोत के बेटे वैभव को टिकट दिया था। पार्टी राज्य की सभी 25 सीटों पर चुनाव हार गई। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी पारंपारिक लोकसभा सीट छिंदवाड़ा से बेटे नकुल नाथ को मैदान में उतारा था। कांग्रेस इस सीट से चुनाव जीत गई।
कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफे पर अड़े हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को अहमद पटेल और महासचिव केसी वेणुगोपाल राहुल से मिले। राहुल ने उन्हें नया नेता चुनने के लिए कहा है। संकेत मिले हैं कि राहुल अड़े रहते हैं तो कांग्रेस एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाकर उनसे पुनर्विचार की मांग करेगी। इस बीच, राहुल की मदद के लिए तीन वरिष्ठ और जमीन से जुड़े नेताओं को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की भी अटकलें हैं। इनमें एके एंटनी, अहमद पटेल और कैप्टन अमरिंदर सिंह के नाम शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार और असम कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने सोमावर को इस्तीफा दे दिया। अब तक विभिन्न प्रदेशों के 13 वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को इस्तीफा भेज चुके हैं।
मप्र में कमलनाथ की जगह ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग उठी है। सिंधिया ने वेणुगोपाल से चर्चा की। इससे पहले वेणुगोपाल राहुल से मिले। इसके बाद वे फिर सिंधिया से मिले। इससे सिंधिया को प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की अटकलें तेज हो गईं। इधर, सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने आवाज उठाई तो महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने इसका समर्थन कर दिया।
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