असम की पहली ट्रांसजेंडर जज की याचिका पर केंद्र को फटकार भरा नोटिस, दावा 2 हजार ट्रांसजेंडर को NCR से निकाला

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असम की पहली ट्रांसजेंडर जज की याचिका पर केंद्र को फटकार भरा नोटिस, दावा 2 हजार ट्रांसजेंडर को NCR से निकाला

Deepak Chauhan 27-01-2020 13:49:24

असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) की सूची से ट्रांसजेंडर को बाहर रखने पर ट्रांसजेंडर जज स्वाति बिधान बरूआ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। असम की पहली ट्रांसजेंडर जज स्वाति बिधान बरूआ की याचिका पर कोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है। 

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की खंडपीठ के समक्ष दाखिल याचिका में स्वाति ने दावा किया है कि असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) की सूची से लगभग 2,000 ट्रांसजेंडरों को बाहर किया गया है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल
करने को कहा है। 


कौन है स्वाति बिधान बरूआ

साल 2012 तक स्वाति पुरुष थीं। इसके बाद उन्होंने सर्जरी करवाई और लड़के से लड़की बन गईं और अपना नाम स्वाति रख लिया। स्वाति ने बीकॉम के बाद लॉ की पढ़ाई की थी और वह असम में पैसों के लेन-देन से जुड़े मामलों की कोर्ट की जज हैं। स्वाति से पहले पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में ट्रांसजेडर को जज बनाए जा चुके हैं। वर्ष 2017 में पश्चिम बंगाल में जॉयता मंडल को सबसे पहले ट्रांसजेंडर जज बनाया गया था। वर्ष 2018 में महाराष्ट्र के नागपुर में ट्रांसजेंडर जज बी थी। 

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