मौसम से बेहाल....

महाराष्ट्र में मुंबई सीमा शुल्क अधिकारियों ने जब्त किया 12.74 किलोग्राम सोना रंगोली बनाकर मतदान के लिए किया जागरूक सहरसा में आयोजित हुआ स्वीप जागरूकता अभियान उदयपुर : भामाशाहों की मदद लेकर स्मार्ट टीवी लगाकर स्मार्ट क्लास रूम तेजस्वी पहुंचे उदाकिशुनगंज विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री के साथ की राष्ट्रपति की अगवानी उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग युद्धस्तर पर जुटा The Great Indian Kapil Show: खत्म हुई कपिल शर्मा के शो के पहले सीजन की शूटिंग परीक्षा परिणामों के मद्देनजर विद्यार्थियों को तनावमुक्त करने विभिन्न जिलों में कार्यशाला का आयोजन विशेष पिछड़ी जनजाति के बैगा मतदाताओं को वोट डालने कलेक्टर ने दिया नेवता मतदान केन्द्र का निरीक्षण कर लौट रहे बीएसएफ के जवानों से भरी बस दुर्घटनाग्रस्त-08 जवान घायल टोंक के गांवों में अब ड्रोन से होगा नैनो यूरिया खाद और कीटनाशक दवाई का छिड़काव मथुरा में गेहूं क्रय केंद्र के प्रभारियों के साथ बैठक पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत टनकपुर मथुरा विशेष गाड़ी का संचालन दिसंबर 2024 तक के लिए बढ़ा पीलीभीत में बदला मौसम का मिजाज आग को लेकर पीलीभीत टाइगर रिजर्व में भी सतर्कता बरतने के निर्देश आज का राशिफल। ₹30000 तक के महाडिस्काउंट पर मिल जाएंगे ये Gaming Laptop दवाओं का लाखों का खर्चा बचा लेगी ये दाल लखनऊ में सपा नेता राजकिशोर सिंह ने भाजपा की सदस्यता ली

मौसम से बेहाल....

Anjali Yadav 25-01-2022 15:21:10

अंजलि यादव,

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,

 

नई दिल्ली: देश के एक बड़े हिस्से में फिलहाल ठंड अपने जिस तापमान के साथ कायम है, उसमें आम लोगों के लिए सामान्य जीवन जीना एक बड़ी चुनौती है। ऐसे में पिछले कई दिनों की बारिश ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। हालांकि कड़ाके की ठंड के इस मौसम में माना जाता है कि अब तापमान सामान्य होने की ओर बढ़ने वाला है। मगर इस बार की बारिश ने ज्यादा चिंता इसलिए पैदा कर दी, क्योंकि इसके साथ ही तापमान भी निचले स्तर पर बना रहा और इसने रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डाला।

यह शायद इसलिए भी हुआ कि हर साल मौसम के इस चरण में होने वाली बारिश के मुकाबले बीते कुछ दिनों में जो बरसात हुई, वह अन्य सालों की अपेक्षा काफी ज्यादा मापी गई। मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, शनिवार देर रात हुई बारिश के बाद इस साल जनवरी में दिल्ली में कुल 88.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। यह आंकड़ा 1950 के बाद अब तक का सबसे ज्यादा है। यानी बहत्तर साल बाद यह इस महीने में हुई सबसे ज्यादा बारिश है।

जाहिर है, ठंड से ठिठुरती दिल्ली में इतनी वर्षा ने चरम पर पहुंचे जाड़े की अन्य समस्याओं में और इजाफा कर दिया है। अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि बारिश के चलते ही शनिवार को दिल्ली में अधिकतम तापमान 14.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम में सामान्य से सात डिग्री कम था। स्वाभाविक ही इस साल की बरसात ने दिल्ली में कुछ जटिल स्थितियां पैदा कीं। दरअसल, हर साल के सामान्य चक्र की अपेक्षा इस वर्ष ज्यादा बारिश की मुख्य वजह एक बाद एक, लगातार दो पश्चिमी विक्षोभों काप्रभाव था।

इसके अलावा भी दिल्ली में इस महीने अब तक छह
बार पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव देखा गया। आमतौर पर इस दौरान महीने में तीन से चार बार पश्चिमी विक्षोभ का असर सामान्य माना जाता है। पहाड़ी इलाकों में इस वर्ष की ठंड में भारी बर्फबारी के चलते मैदानी इलाकों में ठंड और शीतलहर का दौर लंबा खिंचा और आम लोगों के सामने चुनौतियां ज्यादा रहीं। ऐसे में बरसात की वजह से आम घरों में रहने वाली आबादी के बरक्स उन लोगों की समस्याओं का अंदाजा भर लगाया जा सकता है जिनके पास मौसम की ऐसी मार का सामना करने के संसाधन नहीं हैं। विडंबना यह है कि ऐसे हालात की आशंका के बावजूद सरकारी तंत्र आमतौर पर उदासीन रुख बनाए रखता है।

यों मौसम की अपनी गति होती है और इसके निर्धारित चक्र में उतार-चढ़ाव आता रहता है। मगर पिछले कुछ समय से अमूमन हर मौसम में गरमी, ठंड या बरसात में सामान्य से ज्यादा बदलाव ने मौसम विज्ञान और पर्यावरण से जुड़े विषयों पर काम करने वालों का ध्यान आकर्षित किया है। दुनिया भर में कार्बन उत्सर्जन सहित अन्य कई वजहों से तापमान में बढ़ोतरी और पर्यावरण में होेने वाली उथल-पुथल की वजह से मौसम की अस्वाभाविक प्रतिक्रिया देखी जा रही है।

बीते साल दुनिया के कई हिस्सों में हुई बेलगाम बरसात ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर किया कि इसकी वजह क्या हो सकती है। जर्मनी में जहां सात सौ साल बाद सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई, वहीं चीन में एक हजार साल का आंकड़ा टूटा। निश्चित रूप से अलग-अलग हिस्सों में मौसम की इस तरह असामान्य प्रतिक्रिया के चलते न केवल आम जनजीवन बाधित होता है, बल्कि इससे ज्यादा चिंता इस बात को लेकर पैदा होती है कि कहीं यह सब आने वाले संकट की आहट तो नहीं है!

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :