अरहर की दाल के दाम में हो सकती है बड़ी कमी

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अरहर की दाल के दाम में हो सकती है बड़ी कमी

Anjali 15-05-2023 13:22:51

अंजलि, 

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया 

नई दिल्ली -अरहर की दाल के दाम में उछाल के बीच सरकार इसके दाम को कम करने के लिए नई तैयारी में जुटी है. भारतीय मार्केट में अरहर की दाल के दाम बढ़ रहे हैं, क्योंकि इसके स्टॉक में कमी आई है. अब इस स्टॉक को भरने और मार्केट में दाल की जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार म्यांमार से बातचीत कर रही है. 

भारत के दलहन इंपोर्ट मार्केट में अरहर और उड़द की 70 फीसदी हिस्सेदारी है और म्यांमार से इन दोनों दालों का भारी मात्रा में आयात किया जाता है. ऐसे में डोमेस्टिक प्रोडक्शन म्यांमार में इन दालों की जमाखोरी कर रही हैं. इस बीच, दालों के दाम में कमी लाने के लिए सरकार म्यांमार से बातचीत कर रही है. 

म्यांमार से आयात के लिए बातचीत पर जुटी सरकार 

एक अधिकारी के मुताबिक, अक्टूबर में नया सीजन शुरू होने तक दालों के दाम में उछाल जारी रह सकता है. ​ये बढ़ोतरी दालों के स्टॉक में कमी के कारण हुई है. उपभोक्ता मामलों के विभाग ने विदेश मंत्रालय को म्यांमार से आयात करने के लिए पत्र लिखा है. भारत के पास ​प्राइवेट व्यापारियों के माध्यम से 250,000 टन उड़द और 100,000 टन अरहर आयात करने के लिए समझौता हुआ है. वहीं भारतीय दूतावास भी स्थानीय सरकार और व्यापारियों से बातचीत कर रहे हैं. 

कीमतों में हो सकती है गिरावट 

पॉल चालू सीजन के शेष महीनों के लिए अरहर की कीमतों को 8,500-9,000 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे
में देख रहे हैं. कर्नाटक के प्रमुख थोक बाजार कालाबुरागी में 13 मई को घरेलू कीमतें 21 अप्रैल को 8,165 से 8,512 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 8,729 से 9,142 रुपये प्रति क्विंटल हो गई हैं. महाराष्ट्र के अकोला में अरहर की एक्स-मिल थोक कीमतें 5.7 फीसदी बढ़कर 9,000 रुपये प्रति क्विंटल थीं. एक अधिकारी ने कहा कि म्यांमार से आयात होने पर दाल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी.  

म्यांमार में बढ़ रही जमाखोरी 

मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आयातक व्यापारी म्यांमार में दालों की जमाखोरी कर रहे हैं. पिछले कुछ समय से भारतीय मार्केट में स्टॉक में कमी देखी जा रही है. इस कारण इन दालों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है. एक अधिकारी ने बताया कि घरेलू बाजार में उड़द की कोई कमी नहीं है, लेकिन कुछ व्यापारी इसके दाम बढ़ाने के लिए जमाखोरी कर रहे हैं. करीब 550,000 टन दालों की जमाखोरी की है. उदाहरण के तौर पर इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच उड़द के आयात की गति को साल दर साल 20 फीसदी घटाकर 340,000 टन कर दिया गया है. 

खपत से कम हो रहा आयात 

देश में अरहर की दाम का आयात 25 से 28 लाख टन इस साल रहने का अनुमान लगाया जा रहा है. हालांकि घरेलू मार्केट में अरहर की दाल की खपत 43 से 44 लाख टन है. वहीं उत्पादन जुलाई से जून के लिए 42 लाख टन के मुकाबले 36 लाख टन रहने का अनुमान है. 

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