रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया है कि रूस कोरोना की वैक्सीन विकसित करने वाला पहला देश बन गया है। पुतिन ने आज सुबह ही इसको लेकर घोषणा की। रूस में, पुतिन ने सरकारी मंत्रियों के साथ एक टीवी वीडियो कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान कहा कि आज सुबह, दुनिया में पहली बार, कोरोना वायरस के खिलाफ एक टीका पंजीकृत किया गया है।
कोरोना वायरस संकट के बीच पूरी दुनिया में वैक्सीन बनाने की कवायद जारी है, इस बीच रूस ने इसके तैयार होने कर दिया है। पहले से रूस का दावा है कि कोरोना वैक्सीन तैयार करने में वह दुनियाभर के देशों से आगे हैं। रूस के उप स्वास्थ्य मंत्री ओलेग ग्रिडनेव ने ऐलान किया था कि आज मंगलवार यानी 12 अगस्त को करोना वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन होगा। पुतिन ने दावा किया कि ये टीका आवश्यक परीक्षणों से गुजरा है। उन्होंने कहा कि उनकी दो बेटियों में से एक को वैक्सीन का एक शॉट मिला है और वह अच्छा महसूस कर रही है। रूसी अधिकारियों ने कहा है कि चिकित्सा कर्मचारी, शिक्षक और अन्य जोखिम समूह को
सबसे पहले टीका लगाए जाएंगे।
वैक्सीन का ट्रायल रिजल्ट
दरअसल, वैक्सीन के चिकित्सा परीक्षणों की शुरुआत 18 जून को हुई और इसमें 38 लोग शामिल हुए। उन सभी में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई है। पहले समूह को 15 जुलाई को छुट्टी दी गई, जबकि दूसरे को 20 जुलाई को छुट्टी दी गई।
अक्टूबर से मिलने लगेगी वैक्सीन
रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने कहा कि 'जोखिम समूहों' के सदस्यों, जैसे चिकित्सीय पेशेवरों को इस महीने टीका लगाया जा सकता है। उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या वे तीसरे चरण के अध्ययन का हिस्सा होंगे जिसे टीके को 'सशर्त मंजूरी' मिलने के बाद पूरा किया जाना है।
वहीं, रूस के उप प्रधानमंत्री तात्याना गोलिकोवा ने सितंबर में कोरोना वायरस के 'औद्योगिक उत्पादन' शुरू करने का वादा किया है और मुराशको ने कहा है कि सामूहिक स्तर पर टीकाकरण अक्टूबर में शुरू होगा। अगर रूस का यह दावा सही साबति होता है तो कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में यह बड़ी सफलता होगी और इस साल के अंत तक दुनिया को कोरोना वैक्सीन मिल सकती है।
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