कोरोना वायरस की वजह से देश में लागू हुए लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पूरी सैलरी के भुगतान संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कंपनियों पर कोई भी कठोर कार्रवाई न करने का आदेश दिया है। साथ ही मामले में श्रम विभाग से मध्यस्थता करने के लिए कहा है।
[removed]Justice Bhushan says,' We directed no coercive action to be taken against employers.Our earlier orders will continue.A detailed affidavit has to be filed by Centre in last week of July.Negotiation b/w employees&employers to be facilitated by State Government labour departments'. https://t.co/rWEt0HWisi
— ANI (@ANI) June 12, 2020
सुप्रीम कोर्ट में कई कंपनियों द्वारा दायर की गई कई याचिकाओं में लॉकडाउन में 54 दिनों की अवधि के लिए कर्मचारियों के पूरा वेतन देने के गृह मंत्रालय के आदेश को चुनौती दी गई थी।
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस भूषण ने कहा, 'हमने नियोक्ताओं के खिलाफ कोई बलपूर्वक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया था। पहले के आदेश जारी रहेंगे। जुलाई के अंतिम सप्ताह में केंद्र को एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करना होगा। राज्य सरकार के श्रम विभाग कर्मचारियों और नियोक्ताओं के बीच बातचीत में
मदद करेंगे।' सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार से जुलाई महीने के अंतिम सप्ताह तक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को कहा।
इस माह के शुरुआत में हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा था कि कर्मचारियों के दफ्तरों से उनके घरों के लिए पलायन रोकने के लिए पूरी सैलरी के भुगतान करने का आदेश दिया गया था। केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल का कहना था कि हम चाहते हैं कि अर्थव्यवस्था फिर से शुरू हो। यह नियोक्ताओं और कर्मचारियों पर है कि वे आपस में बातचीत करें कि लॉकडाउन अवधि के लिए कितने वेतन का भुगतान किया जा सकता है।
इस पर जस्टिस अशोक भूषण और एस के कौल की पीठ ने कहा था कि सरकार ने औद्योगिक विवाद अधिनियम के प्रावधानों को लागू नहीं किया है, बल्कि आपदा प्रबंधन अधिनियम को लागू किया है। क्या सरकार के पास इस तरह का आदेश जारी करने का अधिकार है कि मजदूरों को पूरा वेतन दिया जाए। भुगतान करने की आवश्यकता 50 प्रतिशत हो सकती है, लेकिन केंद्र ने 100 प्रतिशत भुगतान करने का निर्देश दिया है। यह समझौता उद्योगवार हो सकता है, लेकिन 100 प्रतिशत देना संभव नहीं हो सकता।
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