नई दिल्ली,Localnewsofindia-दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को राजधानी में COVID-19 मामलों में वृद्धि पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए AAP सरकार द्वारा सभी चीजों को अनलॉक करने पर भी सवाल उठाया। हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को नागरिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है और राज्य नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार है। जस्टिस हेमा कोहली और सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार को मौजूदा स्थिति के लिए ज्यादा एक्टिव रहना होगा, जिसे पूरा शहर देख सके।
हाईकोर्ट दिल्ली सरकार की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, याचिका में पिछले 15 दिनों में कोरोना मामलों की संख्या को देखते हुए 33 निजी अस्पतालों में कोविड-19 रोगियों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बेड्स रिजर्व रखने के आदेश को लागू करने की मांग की गई है।
हाईकोर्ट ने यह जानना चाहा है कि दिल्ली सरकार ने कोरोना (COVID-19) संक्रमित मरीजों के इलाज की खातिर 80 प्रतिशत आईसीयू बेड्स रिजर्व रखने के लिए केवल 33 निजी अस्पतालों को ही क्यों चुना है और शेष निजी अस्पतालों को क्यों नहीं चुना है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) संजय जैन को सरकार से निर्देश लेने और आज सुनवाई के लिए इस मामले को ठीक करने के लिए कहा।
हाईकोर्ट ने कहा कि बेड्स रिजर्व करने के बारे में दिल्ली सरकार की सितंबर की अधिसूचना पुरानी है, अब दिल्ली में परिस्थितियां पूरी
तरह से बदल गई हैं क्योंकि COVID-19 संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।
बता दें कि, दिल्ली सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना संक्रमित (COVID-19) मरीजों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित करने का अपना फैसला बरकरार रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली सरकार ने पहले प्राइवेट अस्पतालों में जो 80% कोविड ICU बेड रिजर्व किए थे, उस फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने के लिए दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) दायर की है।
जैन ने बताया कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 110 आईसीयू बेड्स सहित कुल 500 और प्राइवेट अस्पतालों में 685 कोविड बेड बढ़ाए गए हैं। जल्द ही और बेड्स भी बढ़ाए जाएंगे। जैन ने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में अब भी आईसीयू बेड उपलब्ध हैं, लेकिन चूंकि संपन्न लोग सरकारी अस्पतालों से अधिक प्राइवेट अस्पताल पसंद करते हैं, इसलिए प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू बेड्स मिलने में उन्हें परेशानी हो रही है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में बुधवार को पहली बार कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड संख्या में 8,593 नए मरीज सामने आने के बाद कुल मामले 4.59 लाख के पार पहुंच गए हैं। साथ ही 85 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या भी 7,228 हो गई है।
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