दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामले को देखते हुए राजधानी में सभी रेस्टुरेंट को 31 मार्च तक बंद रखने का ऐलान किया। गुरूवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि रेस्टेरेंट्स में खाने पर बैन रहेगा लेकिन फूड डिलीवरी जारी रहेगी।
[removed]Arvind Kejriwal - Coronavirus को फैलने से रोकने के लिए आज कई और कदम उठाए #DelhiFightsCorona. https://t.co/RuG2NAflf7
— Local News Of India (@LniNewsDelhi) March 19, 2020
सीएम केजरीवाल ने कहा कि राज्य में किसी भी जगह सेमिना, कॉन्फ्रेंस या अन्य उद्देश्यों को लेकर 20 या उससे ज्यादा लोगों को एकजुट होने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इससे पहले, 50 से ज्यादा लोगों के एकजुट होने पर लगी थी।
उधर, सरकार की तरफ से अंतरराष्ट्रीय विमानों की लैंडिंग पर भी 31 मार्च तक रोक लगाई गई है। खतरनाक वायरस कोरोना के चलते इस वक्त पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। देश में कोरोना से अब तक मरनेवालों की संख्या पहुंचकर 4 हो गई है जबकि 25 विदेश समेत मरीजों की संख्या 167 हो गई। मरनेवालों में दिल्ली, पंजाब, कर्नाटक और महाराष्ट्र से हैं।
उधर, कोरोना की चुनौतियों से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक की गई। वह आज (गुरूवार) की रात बजे राष्ट्र के नाम संबोधित करेंगे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गुरूवार को राज्य के लोगों से अपील की कि वे अनावश्यक रूप से अपने घरों से बाहर नहीं निकलें ताकि कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके। ठाकरे ने ''विषाणु के खिलाफ युद्ध में लोगों से सहयोग मांगते हुए कहा कि सरकार की अपील के बाद सार्वजनिक स्थलों पर जाने वालों और सार्वजनिक यातायात प्रणाली का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से समाप्त होना चाहिए।
ठाकरे ने टीवी पर प्रसारित 10 मिनट के संबोधन में कहा, '' यह एक विषाणु के खिलाफ युद्ध है और हम डर कर या घबरा कर नहीं, बल्कि संकल्पबद्ध होकर ही इससे निपट सकते हैं। उन्होंने कहा, ''लोगों को घबराना नहीं चाहिए, लेकिन उन्हें अनावश्यक रूप से घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।... सार्वजनिक वाहनों में भीड़ कम हुई है, लेकिन इसे पूरी तरह समाप्त होना चाहिए। हम सार्वजनिक परिवहन को बंद करने का बड़ा कदम नहीं उठाना चाहते, लेकिन गैर जरूरी यात्राएं बंद होनी चाहिए।
ठाकरे ने कहा कि चिकित्सका कर्मी, पुलिस कर्मी, एनजीओ और सार्वजनिक परिवहन कर्मी हालात से निपटने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, '' यदि वे आपके लिए लड़ रहे हैं तो क्या आप घरों में रहकर इस संकट से निपटने में उनकी मदद नहीं कर सकते? ठाकरे ने कहा, ''लोगों को घर से काम करना चाहिए और बाहर निकलना बंद कर देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोरोना वायरस संबंधी हालात को लेकर बात की है और प्रधानमंत्री ने राज्य को हर संभव मदद मुहैया कराने का भरोसा दिलाया है।
उन्होंने कहा कि लोगों को मौजूदा हालात से निपटने के लिए सरकार द्वारा जारी नियमों और निर्देशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा, ''अपनी यात्राओं का विवरण छुपाना और लौटने के बाद घरों से बाहर निकलना गलत है। ठाकरे ने कोरोना वायरस के मरीजों का उपचार कर रहे चिकित्सका कर्मियों की तुलना सैनिकों से की। उन्होंने कहा कि सरकार और आधिकारिक तंत्र इस संकट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
ठाकरे ने कहा कि यह संक्रमण अन्य देशों से आया है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अफवाहों पर यकीन नहीं करने की अपील करते हुए कहा कि राज्य में जांच केंद्र बढ़ाए जा रहे हैं।
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