अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साढ़े तीन घंटे तक बातचीत कर श्रीनगर लौटे जम्मू-कश्मीर के गुपकर गठबंधन के नेताओं के सुर में थोड़े से बदलाव नजर आए हैं. उस मैराथन बैठक के बाद आज गठबंधन की ओर से पहली बार उस बैठक को लेकर आधिकारिक बयान जारी किया गया है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के सामने यह मांग रख दी है कि विधानसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाए. यही नहीं 24 जून की बैठक को गठबंधन के ज्यादातर नेताओं की ओर से सकारात्मक बताने के बाद आज इसके नतीजे पर निराशा भी जता दी गई है.
पहले राज्य का दर्जा फिर चुनाव-गुपकर गठबंधन
पिछले महीने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद सोमवार को जम्मू और कश्मीर के पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लरेशन (पीएजीडी) की ओर से पहली बार सार्वजनिक बयान जारी कर कहा गया है कि वहां विधानसभा चुनाव करवाने से पहले केंद्र सरकार को राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए. पीएजीडी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 'जहां तक राज्य का दर्जा बहाली का सवाल है, संसद के अंदर बीजेपी का यह वादा है और उन्हें अपने शब्दों का निश्चित तौर पर सम्मान करना चाहिए. विधानसभा चुनाव निश्चित तौर पर जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के बाद ही होना चाहिए.' गौरतलब है कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने 5, अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा(आर्टिकल 370) छीनने के साथ ही राज्य का दर्जा समाप्त करके उसे दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था-एक जम्मू और कश्मीर
और दूसरा लद्दाख.
दिल्ली में हुई बैठक से निराशा- गुपकर गठबंधन
यही नहीं अब गुपकर गठबंधन ने पीएम मोदी के साथ हुई सर्वदलीय बैठक के नतीजे पर भी निराशा जताई है. बयान में कहा गया है कि 'पीएजीडी के सभी सदस्यों ने दिल्ली में हुई बैठक (पीएम मोदी के साथ) पर निराशा जताई है, खासकर के राजनीतिक और अन्य कैदियों को रिहा करने और पाबंदियों को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाने जैसे विश्वास बहाली के उपायों के अभाव के मद्देनजर.' दिल्ली में बीते 24 जून को पीएम मोदी के साथ हुई बैठक के बाद पहली बार गठबंधन के सारे नेताओं ने श्रीनगर में मुलाकात की है, जिसमें पीडीपी की चीफ महबूबा मुफ्ती और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला भी शामिल थे. इसी बैठक के बाद बयान जारी हुआ है. गौरतलब है कि यह बैठक परिसीमन आयोग के सदस्यों के दौरे से पहले की गई है.
PM ने कहा था लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाली के लिए प्रतिबद्ध
बता दें कि दो साल पहले मोदी सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नक्शे में ऐतिहासिक बदलाव के बाद पिछले महीने 24 जून को पहली बार वहां के नेताओं को पीएम मोदी के साथ बातचीत के लिए बुलाया गया था. यह मुलाकात करीब साढ़े तीन घंटे चली थी. बैठक में पीएम मोदी ने केंद्र शासित प्रदेश से आए सभी दलों के नेताओं को भरोसा दिया था कि उनकी सरकार राज्य में विधानसभा चुनावों के जरिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाली के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए परिसीमन प्रक्रिया में उनका सहयोग भी मांगा था. बैठक से निकलर लगभग सारे नेताओं ने पीएम मोदी की इस पहल की सराहना की थी और बैठक को काफी सकारात्मक बताया था.
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