जानिये क्यों लगता है जन्माष्टमी पर कृष्ण को छप्पन भोग

वाहन खाई में गिरने से 18 ग्रामीणों की मौत इटावा में अंतरराज्यीय बाइक चोर गिरफ्तार केशव प्रसाद मौर्य की जौनपुर में चुनावी जनसभा मतगणना की तैयारियां हुई प्रारंभ- इंदौर ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत लद्दाख में महसूस किये गये भूकंप के झटके प्रधानमंत्री का ओडिशा का चुनावी दौरा खिलाडियों का ट्रायल कल 21 मई को नशे के कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई झुंझुनू : यूपीएससी टॉपर्स का किया गया सम्मान हाजीपुर में 11 बजे तक 17.36 फीसदी मतदान हुआ मोहला-मानपुर मे आई टी बी पी द्वारा चिकित्सा शिविर का आयोजन चित्रकूट में पोलिंग पार्टी रवानगी व्यवस्थाओं का लिया गया जायजा रेलवे ने रायपुर के पास हुई घटना के उच्च स्तरीय जांच के दिए आदेश पीलीभीत में राहगीरों के लिए शुरू किया गया मासिक प्याऊ राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम नर्सिंग कॉलेज घोटाला-गिरफ्तारी गंगानगर : जिले में लगातार बढ़ता गर्मी का सितम छत्तीसगढ़ सीमा पर हुई गोलीबारी में उड़ीसा सुरक्षा बल का जवान घायल पीलीभीत में गोमती को प्लास्टिकमुक्त करने हेतु शुरू हुआ अभियान

जानिये क्यों लगता है जन्माष्टमी पर कृष्ण को छप्पन भोग

24-08-2019 17:28:57

 भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन हर साल जन्माष्टमी के रूप में खूब धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 24 अगस्त को मनाया जाएगा। देशभर में और इस्कॉन मंदिरों में एक हफ्ते पहले से ही कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर खास तैयारियां शुरू हो जाती हैं। 

मंदिरों की सजावट, झांकियां और इन सब के साथ आकर्षक होता है पंजीरी और छप्पन भोग प्रसाद। खासकर, श्रीकृष्ण की जन्मभूमि उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन में जन्माष्टमी की शानदार झांकियां देखने का मजा ही कुछ और है। जन्माष्टमी के दिन भक्त पूरे दिन व्रत करने के बाद मध्य रात भगवान के जन्म के समय उन्हें 56 भोग लगाकर उपवास तोड़ते हैं। 

क्या है 56 भोग का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों तो इंद्र देव के कहर यानी भारी वर्षा से बचाने के लिए अपनी कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था। गोकुल गांव के सभी लोगों ने पर्वत के नीचे शरण लेकर तेज बारिश से अपनी
जान बचाई। भगवान श्रीकृष्ण ने लगातार 7 दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर सभी गांव के लोगों की रक्षा की। आखिरकार इंद्र देव को विवश होकर बारिश को रोकना पड़ा।

श्रीकृष्ण दिन में आठ तरह का भोजन करते थे लेकिन जब सात दिन गोवर्धन पर्वत उनकी उंगली पर टिका रहा तो उन्होंने कुछ नहीं खाया। बारिश रुकने के बाद खुशी में गांव वालों ने भगवान का आभार प्रकट करते हुए प्रतिदिन भोजन से 7 गुणा ज्यादा छप्पन तरह के पकवान का भोग लगाया। छप्पन भोग में श्रीकृष्ण की पसंद के सभी व्यंजन बनाए गए जिसमें नमकीन, अचार, पेय पदार्थ, फल, अनाज जैसे कई खाद्य पदार्थ शामिल हैं।

जन्माष्टमी के दिन काफी लोग 16 तरह की नमकीन, 20 तरह की मिठाई और 20 तरह के ड्राई फ्रूट्स का भोग लगाते हैं। लेकिन आमतौर पर श्रीकृष्ण को रस्गुल्ला, खीर, मूंग दाल हलवा, काजू, बादाम, खिचड़ी सहित अन्य कई पकवान चढ़ाए जाते हैं। सभी 56 व्यंजनों को एक क्रम में सजाया जाता है।

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :