सौरव गांगुली के जन्मदिन पर जाने महान कप्तान की कहानी

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सौरव गांगुली के जन्मदिन पर जाने महान कप्तान की कहानी

Anjali Yadav 08-07-2021 15:09:28

अंजलि यादव,          
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,          


नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली 49 साल के हो गए हैं. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली की गिनती दुनिया के सबसे बेहतरीन कप्तानों में होती है. सौरव गांगुली को भारत में ऐसे कप्तान के तौर पर देखा जाता है जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को फिक्सिंग के जाल से निकालकर नई टीम इंडिया की इबारत लिखी. सौरव गांगुली ने 146 वनडे और 49 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की कमान संभाली. सौरव गांगुली की कप्तान में भारतीय टीम 76 वनडे और 21 टेस्ट मैच जीतने में कामयाब रही, जबकि 15 टेस्ट ड्रॉ हुए. सौरव गांगुली ने 2001 में ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर ना सिर्फ ऐतिहासिक जीत दिलाई बल्कि विदेशी जमीन पर भी टीम इंडिया को मुकाबले जीतने की आदत डाली. 

 

युवा खिलाड़ियों को दिया मौका

सौरव गांगुली की कप्तानी में ही इंडियन क्रिकेट टीम नेटवेस्ट सीरीज का फाइनल मुकाबला जीतने में कामयाब हुई. ये सौरव गांगुली की कप्तानी का ही जादू था कि 2003 वनडे वर्ल्ड कप में बेहद खराब शुरुआत से बावजूद टीम इंडिया ने सेमीफाइनल का सफर तय किया. सौरव गांगुली ने अपने कप्तानी में युवा खिलाड़ियों के लिए टीम के रास्ते खोले. सौरव गांगुली की कप्तानी में ही हरभजन सिंह, वीरेंद्र सहवाग, इरफान पठान, युवराज सिंह, जहीर खान, एमएस धोनी, मोहम्मद कैफ और आशीष नेहरा जैसे खिलाड़ी टीम इंडिया में जगह बनाने में कामयाब हुए. इन खिलाड़ियों ने आगे चलकर
इंडिया को 2007 का टी20 वर्ल्ड और 2011 का वनडे वर्ल्ड जीतने में अहम भूमिका निभाई.

 

आसान नहीं था सफर

सौरव गांगुली के लिए हालांकि इंडिया के लिए खेलने और कप्तान बनने का सफर आसान नहीं रहा. सौरव गांगुली ने 1992 में ही वनडे डेब्यू कर लिया. लेकिन एक मैच के बाद ही उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया. चार साल बाद 1996 में सौरव गांगुली ने धमाकेदार अंदाज में वापसी की और लॉर्ड्स के मैदान पर शतक जड़कर टेस्ट क्रिकेट में आगाज किया. अगले 10 साल तक सौरव गांगुली सचिन तेंदुलकर के बाद टीम इंडिया के सबसे बड़े खिलाड़ी बनकर उभरे. 2000 में जब टीम इंडिया फिक्सिंग के जाल में बुरी तरह फंस चुकी थी और सचिन तेंदुलकर ने भी टीम की अगुवाई करने से इंकार कर दिया था तो कमान सौरव गांगुली के हाथों में आई. सौरव गांगुली ने यहीं से टीम इंडिया के लिए नई इबारत लिखना शुरू किया.

 

टीम में की जोरदार वापसी

हालांकि सौरव गांगुली के लिए बुरा दौर भी इंतजार कर रहा था. 2004 से ही सौरव गांगुली का फॉर्म बेहद खराब हो चुका था. 2005 में ग्रैग चैपल के कोच बनने के बाद सौरव गांगुली को ना सिर्फ कप्तानी से हटा दिया गया बल्कि उन्होंने टीम में भी अपनी जगह गंवा दी. सौरव गांगुली ने हालांकि 2006 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर जोरदार अंदाज में वापसी की. अगले दो साल तक बल्ले से शानदार खेल दिखाने के बाद 2008 में सौरव गांगुली ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया.  

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