अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: सिटीग्रुप की ओर से बड़ी घोषणा की गई है. अब सिटीग्रुप 13 अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता बैंकिंग बाजारों से बाहर निकल जाएगा. इसके साथ ही वो अब धन प्रबंधन पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा और खुदरा बैंकिंग से दूर उन जगहों पर होगा जहां यह छोटा है.
इतना ही नहीं सिटीग्रुप अब अपने वैश्विक उपभोक्ता बैंकिंग व्यवसाय को चार मुख्य बाजारों: सिंगापुर, हांगकांग, लंदन और संयुक्त अरब अमीरात पर केंद्रित करेगा. सिटी ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेन फ्रेजर ने कहा कि सिटीग्रुप चीन, भारत और 11 अन्य खुदरा बाजारों को छोड़ देगा। उन्होंने कहा कि यहां हमारे पास प्रतिस्पर्धा करने की आवश्यकता नहीं है.
भारत चीन के साथ इन 11 देशों को छोड़ रहा सिटीग्रुप
सिटीग्रुप भारत और चीन के साथ ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, फिलीपींस, पोलैंड, रूस, ताइवान, थाइलैंड और वियतान में अपनी कंज्यूमर प्रेचाइडी से बाहर निकल जाएगा.
मार्च में सीईओ की भूमिका निभाने वाले फ्रेजर ने धन प्रबंधन पर "डबल डाउन" करने के
प्रयास के तहत कंपनी की रणनीति के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि वो वहां काम करेंगे जहां विकास के अवसर बेहतर हैं. उन्होंने बताया कि बाजार से बाहर होने वाले अधिकांश बाजार एशिया में हैं.
2020 के अंत में सिटी ग्रुप को एशियाई बाजार से मिला इतना राजस्व
उन्होंने बताया कि एशिया के इन बाजारों में 2020 के अंत में सिटीग्रुप के वैश्विक उपभोक्ता बैंकिंग व्यवसाय में राजस्व में 6.5 बिलियन डॉलर, 224 खुदरा शाखाएं और 123.9 बिलियन डॉलर जमा थे. यह कदम तब आया जब सिटीग्रुप ने 7.9 बिलियन डॉलर की पहली तिमाही में मुनाफा दर्ज किया, जो कि एक साल पहले की अवधि के मुकाबले तीन गुना अधिक था. राजस्व सात प्रतिशत गिरकर 19.3 अरब डॉलर हो गया.
अन्य बड़े बैंकों की तरह, सिटीग्रुप का मुनाफा अपने निवेश बैंकिंग और व्यापारिक व्यवसायों में एक मजबूत प्रदर्शन के साथ-साथ खराब ऋणों के लिए अलग से जारी किए गए भंडार को रिलीज करने के कारण हुआ.
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