राज्य में सातवां वेतन आयोग लागू न होने से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से नाराज चल रहे सरकारी कर्मचारियों को दुर्गापूजा से पहले खुशखबरी मिल सकती है। जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा गठित छठे वेतन आयोग ने सातवें वेतनमान की सिफारिशों पर अमल की तैयारी कर ली है। छठे वेतन आयोग के अध्यक्ष अभिरूप सरकार ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कर्मचारियों को बढ़ा वेतन देने से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर ली गई है।
यदि सब कुछ ठीक रहा तो जुलाई-अगस्त के मध्य में ही इसे जमा कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार चाहे तो सिफारिश पर अमल करते हुए दुर्गा पूजा से पहले सातवां वेतन आयोग लागू कर सकती है, जिससे सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के बाद सचिवालय में बैठक कर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया था कि उनकी सरकार सातवां वेतन आयोग लागू नहीं कर सकी हैं, क्योंकि छठे वेतन आयोग की ओर से सातवें वेतनमान की सिफारिशें नहीं दी गई है। इसके बाद उन्होंने आयोग के चेयरपर्सन अभिरूप सरकार से भी बात की थी।
हालांकि, रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और उम्मीद जताई जा रही है कि दुर्गा पूजा तक सरकारी कर्मचारियों को खुशखबरी मिल सकती है। इस संदर्भ में आयोग के चेयरपर्सन अभिरूप सरकार ने कहा कि अगर अगस्त तक वह अपनी रिपोर्ट पेश कर देते हैं तो राज्य का वित्त विभाग इंप्लीमेंटेशन कमिटी तैयार करेगा जो एक माह के भीतर रिवीजन ऑफ पे एंड एलॉवेंस (रोपा) 2019 प्रकाशित कर सकता है। ऐसा होने
पर सरकारी कर्मचारियों को दुर्गा पूजा से पहले ही सातवां वेतनमान का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। छठे वेतन आयोग के सूत्रों के हवाले से इस बात की पुष्टि की गई है कि वर्तमान में कुल मिलाकर 14.3 फीसद वेतन वृद्धि की सिफारिश की जाएगी। अभिरूप सरकार के नेतृत्व में गठित कमिशन ने इसी से संबंधित रिपोर्ट तैयार की है। इससे राज्य सरकार पर 12000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
हालांकि, खबर है कि अगर सरकार चाहे तो इसे आसानी से दिया जा सकता है। कमीशन ने साढ़े तीन लाख सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ सरकार पोषित 58 संस्थाओं के कर्मियों के वेतनमान की भी सिफारिश करने की तैयारी की है। इसमें शिक्षक-शिक्षिकाएं, पंचायत और नगर निगम के कर्मी समेत विभिन्न आयोग, परिषद व निगम के कर्मचारी शामिल होंगे। इसके अलावा राज्य सरकार के अधीन 69 संस्थाओं के कर्मचारियों के लिए नए वेतनमान की सिफारिश की जाएगी।
वहीं आम चुनाव में सरकारी कर्मचारियों ने भाजपा का समर्थन किया था, जिसका खामियाजा राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को सीटों के नुकसान के रूप में ङोलना पड़ा। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी को सरकारी कर्मचारियों के संगठन की जिम्मेवारी सौंपी थी। उन्होंने जब पहली बैठक की तो पता चल गया कि वेतन वृद्धि न होने की वजह से सरकारी कर्मचारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से खासा नाराज हैं। इसके बाद उन्होंने इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी थी। परिस्थिति स्पष्ट होने के बाद छठा वेतन आयोग को सक्रिय किया गया था, ताकि कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया जा सके।
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