ट्विटर बढ़ रही मुश्किलें, नियमों के पालन में फेल रहा ट्विटर, कानूनी सुरक्षा पाने का नहीं है हकदार- रविशंकर प्रसाद

हापुड सड़क हादसे में 6 लोगों की मौत,एक गंभीर ब्लड चढ़ाने से गर्भवती और दो नवजात की मौत सीकर : भारतीय शिक्षण मंडल के 55वें स्थापना दिवस पर व्याख्यानमाला आयोजित ऊंची उड़ान का“ कार्यक्रम की तिथि आगे बढ़ी 3 नए आपराधिक कानूनों पर रायपुर में कल14 मई को वार्तालाप का आयोजन किया जाएगा उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि महादेव सट्टा ऐप मामले में लगातार जांच की जा रही है रेलवे द्वारा अवैध टिकट दलालों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई मंडीप खोल गुफा में लोगों पर टूट पड़ी मधुमक्खियां- 12 घायल आजमगढ़ में 16 मई को होने वाली भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी जनसभा की हुई समीक्षा बैठक लखनऊ में जनसभा कर मायावती ने मांगे वोट, बीजेपी पर लगाएं गंभीर आरोप मथुरा के सेठ जी के बाड़ा होली गेट पर प्याऊ का हुआ शुभारम्भ उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा कराए जा रहे कार्यों व प्रस्तावों के संबंध में बैठक आज का राशिफल पीलीभीत में पत्रकारों ने डीएम एसपी को साैंपा ज्ञापन बांसगांव सीट से दो प्रत्याशियों ने किया नामांकन चित्रकूट में जिलाधिकारी ने की बढ़ चढ़कर मतदान करने की अपील जालौन मतदान कार्मिकों का दिया गया प्रशिक्षण हरदोई में रोड नहीं तो वोट नहीं पर, मतदान का बहिष्कार शाहजहांपुर में मतदान का आरंभ हो गया है लखीमपुर खीरी की 28-खीरी और 29- धोरहरा संसदीय सीट के लिए मतदान शुरू

ट्विटर बढ़ रही मुश्किलें, नियमों के पालन में फेल रहा ट्विटर, कानूनी सुरक्षा पाने का नहीं है हकदार- रविशंकर प्रसाद

Anjali Yadav 16-06-2021 14:03:06

अंजलि यादव,

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,

 

 

नई दिल्ली: भारत में माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को मिला कानूनी संरक्षण अब खत्म हो गया है. केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक के बाद एक सिलसिलेवार ट्वीट्स करके इस मामले पर सरकार का रुख साफ किया. प्रसाद ने कहा, 'इस बात को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्विटर भारत में कानूनी सुरक्षा पाने का हकदार है? इस मामले का साधारण तथ्य यह है कि ट्विटर 26 मई से लागू हुए नए आईटी कानूनों का पालन करने में नाकाम रहा है.'
ट्विटर को ये कानूनी संरक्षण आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत मिला था. ये धारा ट्विटर को किसी भी क़ानूनी कारवाई, मानहानि या जुर्माने से छूट देता था. कानूनी संरक्षण खत्म होते ही ट्विटर के खिलाफ पहला मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में दर्ज किया गया है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ट्विटर को सरकार की तरफ से कई मौके दिए गए थे, लेकिन ट्विटर हर बार नियमों की अनदेखी करता रहा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की संस्कृति अपने बड़े भौगोलिक स्थिति की तरह बदलती रहती है. सोशल मीडिया में एक छोटी सी चिंगारी भी बड़ी आग का कारण बन सकती है. खासकर फेक न्यूज के खतरे ज्यादा हैं. इसपर कंट्रोल करना और इसे रोकना नए आईटी नियमों में एक महत्वपूर्ण नियम था, जिसका पालन ट्विटर ने नहीं किया. 

 

18 जून को पेश होने को कहा
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'यह आश्चर्यजनक है कि ट्विटर जो खुद को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पैरोकार के रूप में चित्रित करता है और कानून के अमल की बात करता है, उसने ही आईटी के नियमों की अनदेखी की.'
प्रसाद ने ट्वीट थ्रेड में आगे लिखा, 'चौंकाने वाली बात यह है कि ट्विटर
देश के कानून की अनिवार्य प्रक्रिया को स्थापित करने से इनकार करके यूजर्स की शिकायतों को दूर करने में भी नाकाम रहा है. ट्विटर तभी फ्लैग करने की नीति चुनता है, जो वह उसके उपयुक्त हो या उसकी पसंद और नापसंद के मुताबिक चीजें हो.'
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साफ किया कि ट्विटर अपने फैक्ट्स चेक टीम के बारे में कुछ ज्यादा उत्साही रहा है, लेकिन यूपी में जो हुआ, वह फर्जी खबरों से लड़ने में ट्विटर की मनमानी का उदाहरण था. यूपी जैसे कई मामलों में कार्रवाई करने में ट्विटर नाकाम रहा है, जो गलत सूचना से लड़ने में इसकी नाकामी की ओर भी इशारा करता है.
 

क्या है पूरा मामला?
दरअसल उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने लोनी इलाके में अब्दुल समद नाम के एक बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता किए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद FIR दर्ज की थी. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि एक बुजुर्ग मुस्लिम को पीटा गया और उसकी दाढ़ी काट दी गई. पुलिस के मुताबिक, पीड़ित बुजुर्ग ने आरोपी को कुछ ताबीज दिए थे, जिनके कोई फायदा नहीं मिलने पर नाराज आरोपी ने पिटाई कर दी. पुलिस ने यह भी बताया कि पीड़ित ने अपनी FIR में जय श्री राम के नारे लगवाने और दाढ़ी काटने की बात दर्ज नहीं कराई है. हालांकि, ट्विटर ने इस वीडियो को मैन्युप्युलेटेड मीडिया का टैग नहीं दिया.
 

किनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर?
जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, उनमें अय्यूब और नकवी पत्रकार हैं. जुबैर फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के लेखक हैं. डॉ. शमा मोहम्मद और निजामी कांग्रेस नेता हैं. वहीं, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष उस्मानी का नाम भी शामिल है.

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :