प्रधानमंत्री ने किया 'स्टैचू ऑफ पीस' का किया अनावरण

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प्रधानमंत्री ने किया 'स्टैचू ऑफ पीस' का किया अनावरण

Anjali Yadav 16-11-2020 13:49:20

अंजलि यादव,

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,



जयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राजस्थान के पाली में जैन संत आचार्य विजय वल्लभ सूरीश्वरजी की 151 वी जयंती पर 'शांति की प्रतिमा 'का अनावरण किया. 151 वीं जयंती पर 151 इंच  ऊंची अस्थधातु की प्रतिमा का अनावरण किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन करते हुए पीएम ने कहा, स्टैचू ऑफ़ पीस विश्व शांति, अहिंसा और सेवा का प्रेरणा स्त्रोत बनेंगे. भारत ने हमेशा विश्व को मानवता को शांति, अहिंसा व बंधुत्व का मार्ग दिखाया है. ये वो संदेश है जिनकी प्रेरणा विश्व को भारत से मिलती है. इसी मार्गदर्शन के लिए दुनिया आज एक बार फिर भारत की ओर देख रहा है.

 

  

कांफ्रेंसिंग के जरिए 'स्टैचू ऑफ पीस' का किया अनावरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को दोपहर 12:30 बजे जैन आचार्य श्री विजय वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज की 151 वीं जयंती समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए 'स्टैचू ऑफ पीस' का अनावरण किया. 151 इंच ऊंची प्रतिमा अष्टधातु से बनाई गई है- 8 धातुओं, जिसमें तांबा प्रमुख घटक है. पीएम मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे देश ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व की सबसे ऊंची स्टैचू ऑफ यूनिटीके लोकार्पण का अवसर दिया, और आज जैनाचार्य विजय वल्लभ जी की भी स्टैचू ऑफ पीसके अनावरण का सौभाग्य मुझे मिल रहा है.

  

 

भारत को आंतरिक प्रकाश की हुई जरूरत- PM

भारत का इतिहास देखने पर यह महसूस होता है कि जब भी भारत को आंतरिक प्रकाश की जरूरत हुई है, संत परंपरा से कोई न कोई सूर्य उदय हुआ है. कोई न कोई
बड़ा संत हर कालखंड में हमारे देश में रहा है
, जिसने उस कालखंड को देखते हुए समाज को दिशा दी है. पीएम ने कहा कि आचार्य विजय वल्लभ जी एक ऐसे ही महान संत थे मुझे विश्वास है कि ये 'स्टैचू ऑफ पीस' विश्व मे शांति, अहिंसा और सेवा का एक प्रेरणा स्रोत बनेगी. पीएम मोदी ने कहा कि आचार्य विजयवल्लभ जी ने शिक्षा के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान शुरू किया था. उन्होंने पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में भारतीय संस्कारों वाले बहुत से शिक्षण संस्थाओं की आधारशिला रखी.

  

 

विजयवल्लभ जी का जीवन हर जीव के लिए दया- PM

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आचार्य विजयवल्लभ जी का जीवन हर जीव के लिए दया, करुणा और प्रेम से ओत-प्रोत था. उनके आशीर्वाद से आज जीवदया के लिए पक्षी हॉस्पिटल और अनेक गौशालाएं देश में चल रहीं हैं. ये कोई सामान्य संस्थान नहीं हैं. ये भारत की भावना के अनुष्ठान हैं. ये भारत और भारतीय मूल्यों की पहचान हैं.

शिक्षा के क्षेत्र में आचार्य विजयवल्लभ जी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान शुरू किया था. उन्होंने राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात जैसे कई राज्यों में भारतीय संस्कारों वाले बहुत से शिक्षण संस्थाओं की आधारशिला रखी हैं.

  

 

राजस्थान के विभिन्न जिलों में हुई बारिश

यह स्टैचू राजस्थान में पाली जिले के विजय वल्लभ साधना केंद्र, जेटपुरा में स्थापित की जा रही है. श्री विजय वल्लभ सूरिश्वर जी महाराज (1870-1954) ने जैन संत के रूप में निष्ठापूर्वक और समर्पित रूप से भगवान महावीर के संदेश को फैलाने के लिए जीवन का नेतृत्व किया. उन्होंने जनता के कल्याण, शिक्षा के प्रसार, सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन के लिए भी अथक परिश्रम किया था.

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