सिंगापुर (SINGAPORE) में ) कोविड 19 महामारी के चलते आर्थिक हालात खराब होते जा रहे हैं. इसकी मार वहां रह रहे भारतीय कामगारों पर भी पड़ती नज़र आ रही है.
सिंगापुर में भारतीय मूल की सबसे बड़ी ‘हाइपरमार्केट-मुस्तफा सेंटर’ (Mustafa Centre) ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के कारण व्यापार प्रभावित हो रहा है. इसकी वजह से वह अपने उन विदेशी कर्मचारियों को वापस भेज देगा, जिनके ‘वर्क पास’ की अवधि समाप्त हो चुकी है. इन कर्मचारियों में अधिकतर भारतीय नागरिक हैं.
मीडिया की खबरों के अनुसार कम्पनी उन कर्मचारियों को जीविका भत्ता देना भी बंद कर देगी, जिन्हें काम करने के लिये नहीं बुलाया गया है, और कर्मचारियों के इस समूह से आजीविका के लिए कोई दूसरा रोजगार ढूंढने को भी कहा गया है.
प्रबंधक निदेशक एवं संस्थापक मुस्ताक अहमद ने ‘मुस्तफा समूह’ और उससे जुड़ी कम्पनियों के कर्मचारियों को एक पत्र में कहा कि कम्पनी अपने विदेशी कर्मचारियों के ‘वर्क पास’ का नवीकरण कराने में अक्षम है और उन्हें घर वापस जाने की टिकट के पैसे देगी.
सोशल मीडिया पर रविवार को जारी हुए इस पत्र में 27 अगस्त की तारीख दर्ज है. अहमद ने कहा कि कर्मचारियों को एक महीने का वेतन भी दिया जायेगा.
स्ट्रेट्स टाइम्स ने अहमद के हवाले से कहा, ‘हमें यह निर्णय लेने का अफसोस है लेकिन उम्मीद करते
हैं कि व्यापार जल्द से जल्द पटरी पर दोबारा लौटेगा.’
मुस्तफा सेंटर में बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थों का एक बड़ा हिस्सा भारतीय मूल का है, जबकि यह इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों सहित अन्य वैश्विक ब्रांडों को भी बेचता है, जो सिंगापुर के पर्यटकों के बीच सबसे लोकप्रिय है.
बुरी हालत में सिंगापुर
सिंगापुर कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हुआ और वायरस को फैलने से रोकने के लिए यहां लॉकडाउन लागू किया गया जो दूसरी तिमाही में लगभग पूरे समय लागू रहा.
व्यापार और उद्योग के स्थायी सचिव गैब्रिएल लिम ने एक ब्रीफिंग में कहा, “यह अब भी स्पष्ट नहीं हैं कि आने वाली तिमाही में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति क्या रहेगी.
इसी तरह घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुधार के लिए क्या किया जाए इस पर भी अनिश्चितता बरकरार है.” उन्होंने कहा, “मई के बाद से सिंगापुर की अर्थव्यवस्था को लेकर दृष्टिकोण थोड़ा कमज़ोर हुआ है.
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दूसरी तिमाही में साल-दर-साल 13.2 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई. वहीं संशोधित सरकारी आँकड़ों में मंगलवार को अग्रिम आकलन में 12.6 फ़ीसदी की गिरावट दिखी.
अर्थव्यवस्था पिछले तीन महीनों से सालाना और सीज़नल स्थिति के समायोजित आधार पर 42.9 फ़ीसदी गिर गई, यह भी एक रिकॉर्ड है. इसके साथ ही सरकार के शुरुआती अनुमानों में 41.2 फ़ीसदी गिरावट के आँकड़े से भी अधिक है.
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