जैश-ए-मोहम्मद का बम एक्सपर्ट अब्दुल रहमान उर्फ फौजी बाबा उर्फ इस्माइल बुधवार को पुलवामा एनकाउंटर में मारा गया। पाकिस्तान के मुल्तान के इस आतंकवादी को सुरक्षाबलों ने एक संयुक्त एनकाउंटर में ढेर किया। 27 मई को पुलवामा के राजपोरा में बरामद किए गए कार बम को उसी ने तैयार किया था। हालांकि, उसके मारे जाने के बाद भी सुरक्षाबलों के लिए चुनौती दो और कार बम को बरामद करना है।
सुरक्षाबलों से मिली जानकारी के मुताबिक, कश्मीर घाटी में अभी दो और ऐसे कार बम या वीइकल इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज (V-IEDs) मौजूद हैं, जिन्हें फौजी बाबा ने तैयार किया था।
एक बड़े आतंकरोधी अधिकारी ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया, ''हमें जानकारी मिली है कि फौजी बाबा उर्फ इस्माइल ने आईईडी वाले तीन कार बम बनाए थे। एक को 27 मई को बरामद कर लिया गया। लेकिन ऐसे दो और कार मौजूद हैं। संभवत: ये बडगाम और कुलमाम में किसी जगह पर हैं।''
पिछले दो महीने में कई इंटेलिजेंस इनपुट मिले हैं कि जैश-ए-मोहम्मद सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर बड़ा हमला करने की साजिश रच
रहा है। 27 मई को बरामद की गई विस्फोटक कार भी इसी प्लान का हिस्सा थी।
इसे उस समय घेर लिया गया जब एक ओवरग्राउंड वर्कर जैश के आतंकवादी समीर अहमद डार के पास ले जा रहा था। समीर अहमद डार आदिल डार का रिश्तेदार है। आदिल डार ने फिदायीन बनकर 14 फरवरी 2019 को विस्फोटक भरे मारुति इको कार को सीआरपीएफ के काफिले से टकरा दिया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
इस बार समीर अहमद डार आईडी वाली कार को सिक्यॉरिटी कैंप में ले जाकर उड़ाने को तैयार था। इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, कार बम से राजपोरा के शादीमार्ग स्थित 44 राष्ट्रीय राइफल्स कैंप को निशाना बनाया जा सकता था।
आईजीपी कश्मीर रेंज विजय कुमार ने फौजी भाई के मारे जाने को बड़ी सफलता बताया। उन्होंने कहा कि हिज्बुल कमांडर रिजाय नाइकू के बाद सुरक्षाबलों की इस साल की दूसरी सबसे बड़ी सफलता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस तथ्य की पुष्टि नहीं हो पाई है कि वह मौलाना मसूद अजहर का रिश्तेदार था या नहीं।
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