दक्षिण पश्चिम मॉनसून के केरल में दस्तक देने के साथ ही चार महीने का लंबा बारिश वाला मौसम शुरू हो गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, 'दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने केरल में दस्तक दे दी।' वहीं, 20 जून तक मॉनसून उत्तर प्रदेश में पहुंच सकता है।
जून से सितंबर तक चलने वाले इस मॉनसून की वजह से देश में 75 फीसदी बारिश होती है। मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने 30 मई को मानसून आने की घोषणा की थी लेकिन आईएमडी ने इससे इनकार करते हुए कहा था कि इस तरह की घोषणा के लिए अभी स्थितियां बनी नहीं हैं।
वहीं, अगर कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो दक्षिणी-पश्चिमी मॉनसून
20 जून तक पूर्वांचल (गोरखपुर या वाराणसी) के रास्ते उत्तर प्रदेश में दाखिल हो सकता है। पिछले दिनों मौसम निदेशक ने बताया था कि दक्षिणी पश्चिमी मॉनसून पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़ व बिहार होते हुए उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के रास्ते दाखिल होता है।
मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले साल जून से सितम्बर के बीच उत्तर प्रदेश में मॉनसून के दरम्यान 703.5 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जबकि प्रदेश में मॉनसून की सामान्य बारिश 829.9 मि.मी. होती है। इस तरह से देखें तो पिछले साल यूपी में सामान्य के मुकाबले 84.8 प्रतिशत बारिश हुई थी। इसके अलावा झारखंड में मॉनसून का आगमन 14 जून तक होने की संभावना जताई जा रही है।
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