मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ और शासन के छह साल पूरे होने पर कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर कई बड़े आरोप लगाए हैं। कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को कहा कि मोदी सरकार के 6 साल में 32 हजार 868 बैंक फ्रॉर्ड हुए हैं।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ''मोदी सरकार के 6 साल में 32,868 बैंक फ्रॉर्ड हुए, जिनमें आम आदमी के 2 लाख 70 हजार 513 करोड़ रुपए थे।'' कांग्रेस महासचिव ने कहा कि एक तरफ बैंकों की सेहत खराब हो रही है तो दूसरी तरफ मोदी सरकार घोटालेबाजों का लोन बट्टे खाते में डाल रही है।
वेणुगोपाल ने कहा, ''मोदी सरकार के छह साल में बैंकों की दबाव वाली संपत्ति 16,50,000 करोड़ तक पहुंच गई और एनपीए 423 पर्सेंट बढ़ गया। मोदी सरकार ने छह साल में बैंक धोखाधड़ी करने वालों के 6,66,0000 करोड़ रुपए बट्टे खाते
में डाल दिए।''
उन्होंने कहा, ''सबसे आश्चर्यजनक खुलासा 24 अप्रैल 2020 को आरटीआई के तहत मिले जवाब में हुआ। कोविड-19 संकट के बीच मोदी सरकार ने मेहुल चौकसी, नीरव मोदी, जतिन मेहता, विजय माल्या जैसे घोटालेबाजों के 68,607 करोड़ रुपए बट्टे खाते में डाल दिए गए।''
केसी वेणुगोपाल ने जीडीपी में गिरावट का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार में जीडीपी का अर्थ हो गया है ग्रॉसली डिक्लाइनिंग परफॉर्मेंस। आजादी के बाद से जीडीपी ग्रोथ सबसे निचले स्तर पर है। अधिकतर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए निगेटिव जीडीपी ग्रोथ की संभावना व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हर साल 2 करोड़ लोगों को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन बेरोजगारी दर 27 फीसदी तक पहुंच गई है। 2017-18 में भारत में बेरोजगारी दर 45 साल में सबसे अधिक हो गई। कोविड के बाद भारत में बेरोजगारी दर बढ़कर 27.11 पर्सेंट हो गई है।
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