शुरुआती दौर में महिलाओं को हर तरह से पीछे रखा जाता था। उनके लिए हर चीज को अलग कर देखा जाता था। क्युकी शुरू से ही महिलाओं को उनके शारीरिक ताकत को पुरुष की शारीरिक ताकत के अनुसार तौला जाता था। लोग मानते थे की महिलाओं का शरीर कोमल और कमजोर होता है। इसलिए उन्हें ये सब झेलना पड़ता था।
ताकत को हमेशा से ही पुरुषों से जोड़ कर देखा गया है, ख़ास कर जब वो ताकत शारीरिक हो. बॉडी बिल्डिंग का स्पोर्ट आज के समय में काफ़ी लोकप्रिय है और भारत सहित कई देशों के
पुरुष-महिलाएं इसमें नए-नए कीर्तिमान बना रहे हैं. हालांकि महिलाओं का बॉडी-बिल्डिंग या पावर लिफ़्टिंग में आना शुरू हुआ 1960 के दशक के बाद.
1970 के फ़ेमिनिस्ट मूवमेंट के बाद 1978 में पहली Official Female Body Building Championship हुई. लेकिन उससे पहले भी 1905 से महिलाएं Unofficial तरीके से बॉडी बिल्डिंग करती आ रही हैं. इसकी शुरुआत धीरे-धीरे तब होनी शुरू हुई, जब आदमियों के Body Building शो के दौरान स्पेस भरने के लिए महिलाओं के Beauty और Bikini कॉन्टेस्ट हुआ करते थे. इन्हीं Contests में से किसी में लड़कियों को Miss Body के अवॉर्ड दिए जाते थे.
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments