वीरता मैडल से सम्मानित शहीद कैप्टन मृदुल शर्मा ने आखिरी सांस तक हमीरपुर का मान रखते हुए देश रक्षा का प्रयास किया 

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वीरता मैडल से सम्मानित शहीद कैप्टन मृदुल शर्मा ने आखिरी सांस तक हमीरपुर का मान रखते हुए देश रक्षा का प्रयास किया 

Vyomendra Singh 01-01-2020 15:52:06

अमर शहीद कैप्टन मृदुल शर्मा सेना मैडल (वीरता ) का जन्म देवभूमि एवं वीरभूमि नाम से प्रख्यात हिमाचल प्रदेश की शिवालिक पहाड़ियों में स्तिथ हमीरपुर जनपद में २४ फरवरी १९७८ को ले. कर्नल (रिटायर्ड) श्री जे के शर्मा एवं श्रीमती सुदेश शर्मा के यहाँ राजा हमीर की नगरी हमीरपुर में हुआ।  इनकी प्रारम्भिक एवं स्कूली शिक्षा विभिन्न स्थानों (केंद्रीय विद्यालय बकलेट , जिला चम्बा , केंद्रीय विद्यालय जालंधर छावनी एवं केंद्रीय विद्यालय हमीरपुर ) पर हुई , तत्पश्चात उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोष स्मारक , राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय हमीरपुर में (विज्ञान स्नातक) दाखिल हुए।  मृदुल शर्मा बचपन से ही तीक्ष्ण बुद्धि वाले थे।  जिसके परिणाम स्वरुप उन्होंने विद्यालयी एवं महाविद्यालय शिखा में शैक्षणिक योग्यता से सम्बंधित कई पुरस्कारों को जीता , उसमे से एक पुरस्कार उन्होंने हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री के कर कमलो से प्राप्त किया।  कैप्टन मृदुल शर्मा मे  देश रक्षा  के लिए सेना में जाने का जज्बा परिवार से विरासत में मिला था क्योकि उनके पिताजी (श्री जे के शर्मा ) रिटायर्ड ले. कर्नल जोकि सेना में उच्च पद पर कार्यरत थे।  उनकी इस देश रक्षा की बीजरूपी भावना का अंकुरित किया , उनकी
स्कूली शिक्षा जो विभिन्न केंद्रीय विद्यालयों में हुई जिनका वातावरण देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत था।  तत्पश्चात उनकी उच्च शिक्षा जिस महाविद्यालय में हो रही थी , जिसका वातावरण महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोष पर है , ने देश प्रेम का जो बीज कैप्टन शर्मा के ह्रदय में था , उसे अंकुरित और पल्ल्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। 
भयंकर गोलाबारी  कैप्टन  मृदुल शर्मा भी घायल हो गए।  घायल होने के बावजूद भी कैप्टन मृदुल शर्मा डटे  रहे और जीवन में जब तक एक भी सांस बची हैं देश पर न्योछावर करने की भावना जो भारतीय सेना का मूल मन्त्र हैं , उसको पूरी तरह चरितार्थ किया।  गंभीर अवस्था में  उपरान्त भी कैप्टन मृदुल शर्मा ने देश प्रेम एवं राष्ट्र ध्वज तिरंगे प्रति अदम्य साहस एवं शौर्य का अपरिचय दिया तथा देश का महान सपूत कैप्टन मृदुल शर्मा ने १ जनवरी २००४ को १. बजे अपनी अंतिम सांस ली पर देश के मान सम्मान की श्रीवृद्धि में अपने सर्वस्व अर्पण किया।  कैप्टन मृदुल शर्मा के इस अदम्य साहस , वीरता एवं शौर्य के लिए १५ जनवरी २००७ को देश रक्षा से सम्बंधित सेना मैडल पुरस्कार से अलंकृत किया गया। 


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