World Heart Day: हृदय संबंधी बीमारियों के मामले 50 फीसद से ज्यादा बढ़े

₹30000 तक के महाडिस्काउंट पर मिल जाएंगे ये Gaming Laptop दवाओं का लाखों का खर्चा बचा लेगी ये दाल लखनऊ में सपा नेता राजकिशोर सिंह ने भाजपा की सदस्यता ली भरतपुर : ऐतिहासिक गंगा मंदिर सुल्तानपुर में स्कूली बच्चों ने मतदाताओं को किया जागरूक बुलंदशहर में मुठभेड़ मे दो इनामी बदमाश गिरफ्तार गेहूं खरीद में लापरवाही बरतने पर पांच सहकारिता अधिकारियों को जारी किए गए नोटिस पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 5 किलोमीटर जाल फेंसिंग का काम हुआ पूरा पीलीभीत के पत्रकार का हल्द्वानी में आकस्मिक निधन होने से शोक सरकारी ऐप से करें UPI Payment आज का राशिफल अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर 01 लाख से अधिक लोगों ने ली मतदान की शपथ टाटा आईपीएल को लेकर धर्मशाला पहुँची किंग्स इलेवन पंजाब की टीम , सीएसके मौसम विभाग का पूर्वानुमान मुंगेली में लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए निकाली गई प्रभातफेरी रायपुर में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और यू-ट्यूबर्स ने मतदान के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया बलरामपुर जिले के शहीद पार्क में ‘‘सुरमयी शाम’’ नामक स्वीप संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया लोकसभा चुनाव के लिए बीएसपी ने जारी की 11वीं सूची आज का राशिफल आई पी एल मैचों को लेकर धर्मशाला में उत्साह

World Heart Day: हृदय संबंधी बीमारियों के मामले 50 फीसद से ज्यादा बढ़े

Khushboo Diwakar 28-09-2019 16:52:19

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, हृदय संबंधित रोगों की वजह से विश्व में होने वाली मौतों के तीन चौथाई मामले निम्न और मध्यम आय वाले देशों से सामने आते हैं। भारत भी ऐसे ही देशों में आता है। पिछले 25 वर्षों के दौरान भारत के हर राज्य में हृदय संबंधी बीमारियों के मामले 50 फीसद से ज्यादा बढ़े हैं। पिछले माह प्रतिष्ठित जर्नल द लैंसेट ने हृदय रोग (सीवीडी) से ग्रसित ईरानी वयस्कों पर पॉलीपिल टेबलेट (एस्पिरिन और एटोरवास्टेनिट का कांबिनेशन) के चिकित्सकीय परीक्षणों का परिणाम प्रकाशित किया था। इससे निष्कर्ष यह निकला था कि थेरेपी के साथ-साथ दवाओं की एक निश्चित खुराक हृदय रोग से निपटने में कारगर हो सकती है।

इस आधुनिक जीवनशैली की भागदौड़ में सेहत कहीं पीछे छूटा मुद्दा हो गया है और यह लापरवाही कहीं न कहीं जानलेवा साबित हो रही है। फास्ट फूड और जंक फूड खाने से दिल बेहद कमजोर हो जाता है। यही कारण है कि बाल और युवावस्था में भी अब दिल के दौरे पड़ने की घटनाएं सामने आ रही हैं। प्रदूषण भी दिल को कमजोर बना रहा है। खासकर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में इस तरकीब से काफी सुधार लाया जा सकता है।

हार्ट अटैक और स्ट्रोक भारत में मृत्यु के सबसे आम कारण

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हृदय रोग के कारण विश्व में होने वाली मौतों में तीन चौथाई निम्न व मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। इन देशों में भारत का भी स्थान आता है। हार्ट अटैक और स्ट्रोक भारत और ईरान में मृत्यु के सबसे आम कारण है। लैंसेट की 2018 की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि हृदय से संबंधित बीमारियों में इस्केमिक डिसीज और स्ट्रोक के मामले ज्यादा होते हैं।

इस्केमिक डिसीज में धमनी में वसा जम जाने की वजह से हृदय को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता है। कुल हृदय रोग के मामलों में 61.4 प्रतिशत इस्केमिक डिसीज के तो 24.9 प्रतिशत स्ट्रोक के होते हैं। 2018 के अध्ययन में पाया गया था कि 1990 में भारत में हृदय रोग के 2.57 करोड़ मामले सामने आए और 13 लाख मौतें हुईं। 25 सालों में यह आंकड़े दोगुने हो गए।
2016 में 5.45 करोड़ मामले सामने आए थे, जिनमें 28 लाख लोगों की जान गई थी।

इन बातों का रखें ख्याल

  • कम से कम आठ घंटे की नींद जरूर लें
  • तंबाकू, गुटखा और शराब का सेवन न करें
  • जले हुए तेल का बना हुआ खाद्य पदार्थ न खाएं
  • एक घंटे एकांत में जरूर बैठें, इससे डिप्रेशन नहीं होगा
  • इनडोर एसी में ज्यादा समय रहने की आदत से तौबा करें
  • प्रतिदिन 30 मिनट जरूर टहले या आठ हजार कदम जरूर चलें
  • 20 साल की उम्र में एक बार शुगर, लिपिड प्रोफाइल की जांच और ब्लड प्रेशर जरूर नपवाएं

खान पान का ध्यान रखें

तला-भुना अधिक न खाएं। फास्ट फूड और चिकनाई वाला खाना खाने से वजन भी बढ़ता है और यह चिकनाई रक्त धमनियों में जम जाती है। जिससे खून का बहार धीरे−धीरे कम होता जाता है। इसलिए संतुलित व पौष्टिक आहार ही लें। फल व सब्जियों का सेवन करें।

ऐसे करें बचाव

  • शरीर की सक्रियता को बनाए रखें यानी अपने शरीर का वजन न बढ़ने दें।
  • व्यायाम नियमित रूप से करें। ठंड ज्यादा होने पर घर के अंदर ही व्यायाम करें।
  • मौसमी फलों और हरी सब्जियां भरपूर मात्रा में खाएं। पानी का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें।
  • तनाव को दिमाग पर हावी न होने दें। दोस्तों, जीवनसाथी और परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएं।
  • डॉक्टर की सलाह से दवाओं का सेवन करते रहें। शाम को दवा लेकर सुबह होने वाले खतरे को कम किया जा सकता है।
  • दिल की सेहत को दुरुस्त रखने के लिए और दिल से संबंधित किसी समस्या से बचने के लिए ब्लड प्रेशर की नियमित रूप से जांच करें या करवाएं।
  • अगर कोई असुविधा महसूस होती है, तो डॉक्टर से परामर्श लें।

भारत के राज्यों बंगाल, ओडिशा और त्रिपुरा में आबादी के अनुपात के हिसाब से सबसे ज्यादा स्ट्रोक के मामले सामने आते हैं। वहीं, मिजोरम, सिक्किम और दिल्ली में प्रति एक लाख की आबादी के हिसाब से स्ट्रोक के सबसे कम मामले सामने आए। इस्केमिक डिसीज के मामलों में देखें तो पंजाब, तमिलनाडु और हरियाणा में सबसे ज्यादा तो मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में सबसे कम मामले सामने आए।



  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :