देश के ऋषि-मुनियों ने कई वर्षो के तप व तपस्या के बाद देश को आयुर्वेद का ज्ञान दिया तथा समय के साथ इस आयुर्वेद की ताकत दुनिया पहुंचानने लगी। जिसके बाद अब विश्व भर में आयुर्वेद पद्धति का बोलबाला है तथा ना केवल भारतीय, बल्कि अन्य देशों के लोग अंग्रेजी दवाईयों की बजाए आयुर्वेद पद्धति पर विश्वास जताकर उसे अपना रहे है तथा रोगों से छुटकारा पा रहे है। भारत की आयुर्वेद पद्धति से लोग इतने प्रभावित है तथा इस पर शोध करने के उद्देश्य से अपना धर्म परिवर्तन तक कर रहे है। मथुरा व वृंदावन की तर्ज पर छोटी कांशी भिवानी में भी भारतीय संस्कृति व भारत के आयुर्वेद के ज्ञान को देखते हुए यूरोपियन लोगों ने हिंदुत्व को अपनाना शुरू कर दिया है। ऐसा ही मामला भिवानी में देखा गया, जहां यूक्रेन की एक महिला ने भिवानी के जहरगिरी आश्रम में पहुंचकर धर्म हिंदु की दीक्षा ली। आश्रम के महामंडलेश्वर संगम गिरी महाराज द्वारा उन्हे हिंदु धर्म की दीक्षा देने के बाद उसका नाम करणेश्वरी रखा गया । इस मौके पर महामंडलेश्वर संगम गिरी महाराज ने बताया कि मरिया वर्ष 2016 में भारत में आई थी तथा उस दौरान वह आयुर्वेद पर शोध कर रही थी। उन्होंने बताया कि मरिया कोरोना काल में करीबन 4 माह तक भारत में ही रही थी तथा यहां पर उन्होंने आयुर्वेद पर अपनी शोध जारी रखी। इस दौरान उन्होंने आयुर्वेद के चमत्मकार को नजदीक से देखा तथा यह भी देखा कि किस प्रकार से आयुर्वेद पद्धति गंभीर से गंभीर बीमारियों की भी नाशक है। जिसके बाद मरिया को सनातन संस्कृति की महानता का अंदाजा लगा। उन्होंने बताया कि मरिया ने आयुर्वेद पद्धति व सनातन संस्कृति से प्रभावित होकर हिंदु धर्म अपनाने का फैसला लिया तथा वे बाबा जहरगिरी आश्रम में पहुंची तथा आश्रम के पीठाधीश्वर अंतर्राष्ट्रीय श्रीमहंत जूना अखाड़ा
डा. अशोक गिरी महाराज के आर्शीवाद से मरिया को हिंदु धर्म की दीक्षा दी गई। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में सनातन धर्म का डंका बज रहा है तथा पूरा विश्व सनातन संस्कृति से प्रभावित है। इसी के चलते कुछ माह पहले भी रशिया से आए कुछ लोगों ने हिंदु धर्म की दीक्षा ली थी। जिसके बाद अब अन्य देशों के लोग भी हिंदु धर्म को अपना रहे है। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि अन्य देशों के लोग भी सनातन संस्कृति की ताकत को पहचानकर इसे अपना रहे है। उन्होंने बताया कि करणेश्वरी के दो बेटे व एक बेटी है तथा उनकी बेटी ज्योतिष के बारे में शोध कर रही है। उन्होंने बताया कि वे भी कुछ माह बाद जहरगिरी आश्रम में आएंगे तथा वे भी हिंदु धर्म की दीक्षा लेंगे। उन्होंने बताया कि करणेश्वरी का परिवार धन-धान्य से संपन्न है, लेकिन इसके बावजूद भी हिंदु धर्म को अपना रहे है, यह प्रत्येक सनातनी के लिए गर्व की बात है। इस मौके पर हिंदु धर्म को अपनाने वाली करणेश्वरी ने बताया कि यूक्रेन में युद्ध से उनके ह्दृय में परिवर्तन हुआ तथा उन्होंने अपने गुरू संगम गिरी के मार्गदर्शन सनातन संस्कृति की महानता के बारे में करीब से जानने का मौका मिला है। जिसके चलते वे सनातन संस्कृति एवं आयुर्वेद से काफी प्रभावित हुई तथा इसके बारे में और अधिक करीब से जानने के लिए उन्होंने हिंदु धर्म अपनाया है। उन्होंने कहा कि हिंदु धर्म अपनाकर वे अपने आप को काफी गौरवांवित महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि वे भी अपने देश यूक्रेन में जाएंगी तो वहां के लोगों को भारत की संस्कृति की महानता से अवगत करवाएगी, ताकि अधिक से अधिक लोग इस महान संस्कृति का हिस्सा बन सकें। बाईट : महामंडलेश्वर संगम गिरी महाराज एवं हिंदु धर्म को अपनाने वाली करणेश्वरी।
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments