भारतीय बैंकों की बैलेंस शीट्स में 7 साल बाद दिखा इतना सुधार, NPA घटने से हालात हुए बेहतर

इटावा सहकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद पूर्णिया: बैंक सीएसपी संचालक की हत्या, 5 लाख रुपये लेकर अपराधी फरार चित्रकूट में मतदान की तैयारियों को लेकर हुई बैठक इटावा सफ़ारी पार्क में 4 नवजात शावकों की मौत पीलीभीत से तीर्थ यात्रियों का जत्था रवाना पंजीयन विभाग ने संपत्ति की रजिस्ट्री सरकारी गाइडलाइन दर से कम रेट में करने पर लगाई रोक कन्नौज न्यायालय में कल लगेगा नि:शुल्क मेडिकल कैंप सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत राजनांदगांव में लोग घरों में लगा सकेंगे सोलर पैनल फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र प्रताप ने पलवल जिले के गांव फुलवाड़ी में जनसभा को संबोधित किया। पीलीभीत में दुष्कर्म के आरोपी को फास्ट्रैक कोर्ट द्वारा सुनाई गई 10 साल सश्रम कारावास की सजा राजनाथ सिंह-ओपी श्रीवास्तव के समर्थन में सीएम योगी ने की जनसभा टोंक : महिला थाने का एएसआई 15 हजार की रिश्वत लेते गिरिफ्तार आज का राशिफल कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इंडी गठबंधन के कुरुक्षेत्र लोकसभा से प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता के लिए वोट मांगे । पलवल के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की। स्वाति मालीवाल मारपीट मामले पर केजरीवाल पर बरसीं निर्मला सीतारमण लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के नाम वापस लेने का आज अंतिम दिन आज विश्‍व दूरसंचार एवं सूचना सोसायटी दिवस है एम्स के चिकित्सक और पूर्व सैनिक मिलकर सामाजिक जागरूकता के लिए पहल करेंगे ग्राम स्वराज किसान मोर्चा ने भिवानी के गांवों में चलाया मतदाता जागरूकता अभियान, युवाओं को दिलाई शपथ

भारतीय बैंकों की बैलेंस शीट्स में 7 साल बाद दिखा इतना सुधार, NPA घटने से हालात हुए बेहतर

Anjali 28-12-2022 11:41:56

अंजलि, 

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया 

नई दिल्ली - भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश के बैंकों की सेहत को लेकर 'भारत में बैंकिंग के रुझान और प्रगति' रिपोर्ट मंगलवार को जारी की है और इसमें कई बड़े तथ्यों को बताया है. इसमें सबसे दमदार बात ये है कि देश के बैंकों की सेहत सुधरने को लेकर आरबीआई ने जो आंकड़े पेश किए हैं वो काफी उत्साहजनक हैं, हालांकि आरबीआई ने बैंकों को सतर्कता बरतने की सलाह भी दी है.

सात साल बाद बैंकों की बैलेंस शीट्स में दिखा इतना सुधार-RBI

आरबीआई ने अपनी समीक्षा रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा है कि देश के बैंकों की वित्तीय सेहत में सुधार दिखने लगे हैं और इसके लिए इस आधार को ध्यान में रखना होगा कि वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकों की बैलेंस शीट की ग्रोथ दो अंकों में आ गई है और ऐसा सात साल बाद हुआ है. निश्चित तौर पर यह बैंकों की ऐसेट क्वालिटी और पूंजी की बेहतर स्थिति को दिखाती है और ग्रॉस एनपीए में तो कमी आई ही है जो उत्साहवर्धक है.

बैंकों के NPA में आई गिरावट अच्छा संकेत- RBI

रिजर्व बैंक ने रिपोर्ट में जानकारी दी है कि भारतीय बैंकों के ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट्स (जीएनपीए) यानी फंसे कर्ज का आकार घटकर सितंबर में पांच फीसदी पर आ गया है. लेकिन मौजूदा मैक्रो-इकनॉमिक हालात कर्जदाताओं की सेहत पर असर डाल सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी भी दी है कि वित्त वर्ष 2021-22 के सितंबर 2022 में बैंकों का जीएनपीए कुल ऐसेट्स के पांच फीसदी पर आ चुका है. रिपोर्ट कहती है कि वित्त वर्ष 2021-22 के आखिर में बैंकों का जीएनपीए 5.8 फीसदी पर रहा था. वित्त वर्ष 2017-18 में बैंकों के ऐसेट क्वालिटी समीक्षा करने के बाद यह उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था.

कैसे
दिखी बैंकों की बैलेंस शीट्स में सुधार

इस दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्जों को बट्टा खाते में डालना जीएनपीए में आई गिरावट की बड़ी वजह रही जबकि निजी बैंकों के मामले में कर्जों को अपग्रेड करने से हालात बेहतर भी हुए हैं. बैंकों के जीएनपीए में पिछले कुछ सालों से लगातार आ रही गिरावट के लिए कर्ज चूक के मामलों में आई कमी और बकाया कर्जों की वसूली और उन्हें बट्टा खाते में डालने जैसे कदमों को क्रेडिट दिया गया है.

 

विदेशी बैंकों का GNPA बढ़ा

इस रिपोर्ट के मुताबिक कहा गया है कि भले ही भारतीय बैंकिंग सेक्टर इस समय सुधरी हुई ऐसेट क्वालिटी और तगड़ा कैपिटल बेस होने से मजबूत बना हुआ है, लेकिन पॉलिसी मेकर्स को बड़ी तेजी से बदलते हुए मैक्रो-इकनॉमिक हालात को लेकर सजग रहना होगा. ऐसा न होने पर रेगुलेटेड यूनिट्स की सेहत पर असर देखा जा सकाता है. आरबीआई की रिपोर्ट कहती है कि भारतीय बैंकों के उलट विदेशी बैंकों का जीएनपीए वित्त वर्ष 2021-22 में 0.2 फीसदी से बढ़कर 0.5 फीसदी हो गया है.

वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कमर्शियल बैंकों की शाखाएं बढ़ीं

आरबीआई की रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कमर्शियल बैंकों की शाखाएं खुलने में 4.6 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है. ऐसा लगातार दो सालों की गिरावट के बाद देखा गया है. 

बैंकों को लापरवाही ना बरतने की सलाह दी गई

हालांकि रीस्ट्रक्चरिंग ऐसेट रेश्यो सभी कर्जदारों के लिए 1.1 फीसदी पॉइंट और बड़े कर्जदारों के लिए 0.5 फीसदी तक बढ़ गया लेकिन लोन रीस्ट्रक्चरिंग स्कीम से व्यक्तियों और छोटे कारोबारों को मदद पहुंचाने का रास्ता साफ हुआ. रिटेल कारोबार को दिए गए लोन में बढ़ोतरी से बड़े लैंडर्स पर निर्भरता कम हुई है. बहरहाल आरबीआई की रिपोर्ट मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए कोई भी लापरवाही नहीं बरतने की नसीहत देती है.

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :