6 गुना ज्यादा बढ़ी नींबू की कीमते

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6 गुना ज्यादा बढ़ी नींबू की कीमते

Gauri Manjeet Singh 11-04-2022 16:45:00

गौरी मंजीत सिंह, 
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,

खाने-पीने में खटास के लिए इस्तेमाल होने वाले नींबू को अब घर लाना आम आदमी के लिए बहुत महंगा हो गया है। देशभर में एक नींबू की कीमत 15 से 20 रुपए हो चुकी है। वहीं, एक किलो नींबू की बात करें तो दाम 300 से 400 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। एक महीने पहले कीमत 70-80 रुपए थी। यानी, दाम करीब 6 गुना बढ़ चुके हैं। 

नींबू के अचानक भाव क्यों बढ़े इसे जानने के लिए भास्कर से देवेंद्र गोस्वामी और प्रशांत गुप्ता आंध्र प्रदेश में देश की सबसे बड़ी नींबू मंडी ईल्लूर पहुंचे। वहीं अहमदाबाद की सबसे बड़ी सब्जी मंडी जमालपुर और कालूपुर से जानकारी इकट्ठी की अनिरुद्ध मकवाणा ने। राजस्थान की मुहाना मंडी में स्मित पालीवाल पहुंचे। इसमें सामने आया कि नींबू के भाव बढ़ने के 4 बड़े कारण है। 

आंध्र प्रदेश की मंडी से रिपोर्ट 
देशभर में 40-45% नींबू की सप्लाई आंध्र प्रदेश की ईल्लूर मंडी से होती है। तिरुपति जिले की गुडूर मंडी से भी लगभग इतनी ही आपूर्ति की जाती है। शेष 10% सप्लाई तेलानी, राजमुंदरी मंडियों से होती है। ईल्लूर मंडी में 20 हजार से ज्यादा नींबू उत्पादन करने वाले किसान रजिस्टर्ड हैं। सामान्य सीजन में यहां से रोज 25 ट्रक (एक ट्रक में 21 टन) की सप्लाई पूरे देश में होती है। मगर अभी मुश्किल से 5 ट्रक, यानी 5 गुना कम सप्लाई हो पा रही है। 

एक ट्रक नींबू का भाव 5 लाख से 31 लाख रुपए 
पिछले दो साल में नींबू किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इसकी वजह कोरोना महामारी है। ईल्लूर में 5 हेक्टेयर में नींबू की खेती करने वाले किसान ए. निरंजन ने बताया कि कोरोना काल में नींबू अच्छा हुआ, पर बाजार नहीं खुले। वहीं, पिछले साल दिसंबर में हुई बारिश ने फसल को भारी नुकसान पहुंचाया। ऐसे में सप्लाई कम हो गई और एक ट्रक नींबू जो पहले 5 लाख रुपए में मिलता था, वो अब 31 लाख रु. में मिल रहा है। 

देश में सबसे ज्यादा नींबू आंध्र में उगता है 
नींबू के लिए आंध्र की मिट्‌टी सबसे अच्छी है। इसे लगातार पानी की जरूरत नहीं होती। पौधा 3-4 साल में फल देना शुरू करता है और अगले 5 साल तक सिर्फ खाद और जरूरत भर का पानी इसे जीवित रखता है और ये नींबू देता रहता है।

गुजरात की मंडी का हाल 
जमालपुर और कालूपुर के बाजारों में नींबू का थोक भाव 140 रुपए से 160 रुपए प्रति किलो है। व्यापारियों के मुताबिक गुजरात और खासकर अहमदाबाद में नींबू से होने वाला मुनाफा बहुत कम है। पिछले साल गुजरात में आए चक्रवाती तूफान के चलते सौराष्ट्र में नींबू की
फसलें बर्बाद हो गईं थीं। इससे भी किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। किसानों की कमाई कम होने से नींबू की कीमतों में तेजी आई है। 


थोक भाव 200 रुपए तो खुदरा कीमतें 300 रुपए तक 
दक्षिण गुजरात के किसान 100 से 120 रुपए प्रति किलो में थोक व्यापारियों को नींबू बेचते हैं। जब माल अहमदाबाद में उतरता है तो अर्ध-थोक विक्रेताओं को ये 140 से 160 रुपए में मिलता हैं। बाजार से बाहर बड़े व्यापारियों तक पहुंचते-पहुंचते कीमत 180 से 200 रुपए किलो तक हो जाती है। छोटी दुकानों और सब्जी बेचने वालों को ये 200 से 250 रुपए में मिलता है और आम आदमी तक इसकी कीमत 300-400 रुपए हो जाती है। 


गुजरात में नींबू कर्नाटक और महाराष्ट्र से भी आता है 
जमालपुर दरवाजा बंद मार्केट के नींबू कारोबारी धवलभाई प्रजापति बताते हैं कि गुजरात में नींबू महाराष्ट्र, चेन्नई और कर्नाटक से भी आता है। गर्मी के मौसम में अहमदाबाद में ही रोजाना 150 टन नींबू की खपत हो जाती है, जबकि इस समय नींबू की आवक रोजाना 70 टन के आसपास ही है। इसके चलते भी नींबू की कीमतें आसमान पर पहुंच गईं। 

अभी तो नींबू के भाव और बढ़ेंगे 
कालूपुर सब्जी मंडी के व्यापारी सतीश शिवकानी ने बताया कि इस बार दक्षिण भारत से होने वाली नींबू का आवक भी बहुत कम है। इस तरह मौजूदा हालात को देखते हुए साफतौर पर कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में नींबू की कीमतों में और तेजी आएगी। अब बारिश के बाद ही नियमित आवक शुरू होने के बाद नींबू की कीमतें कम हो सकेंगी। 

राजस्थान की मंडी से रिपोर्ट 
जयपुर की मुहाना मंडी में नींबू के थोक विक्रेता विक्की ने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ ही रमजान और शादियों का सीजन शुरू होने की वजह नींबू की खपत बढ़ गई है। लेकिन खपत के हिसाब से नींबू की सप्लाई नहीं हो पा रही है। इसलिए किसान भी इस डिमांड का फायदा उठा नींबू के मनमाने दाम वसूल रहे हैं। नींबू की कीमत थोक बाजार में 150 रुपए किलो तक पहुंच गई है। खुदरा बाजार में इसे 400 रुपए तक बेचा जा रहा है। 

60% नींबू की फसल हुई चौपट 
मुहाना सब्जी मंडी के अध्यक्ष राहुल तवंर ने बताया कि पिछले साल आए ताऊ-ते तूफान से देशभर में 60% नींबू की फसल चौपट हो गई थी। इस वजह से पिछले सालों के मुकाबले नींबू की सप्लाई काफी कम हो रही है। वहीं डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमत ने भी नींबू की लागत को बढ़ा दिया है। नींबू किसान रामजीलाल ने बताया कि बारिश के बाद जब राजस्थान में नींबू उगने लगेगा तो यहां अपने आप ही दामों में गिरावट आ जाएगी।

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