लगाम लगाने पर काम....

एफए एयरलाइंस क्षेत्रीय एयरलाइन फ्लाईबिग का अधिग्रहण करेगी फिल्म Emergency की फिर बदली रिलीज डेट ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए अपनी डाइट में शामिल करें ये 5 बीज आजमगढ़/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी जनसभा पेयजल समस्या का हुआ समाधान- सतना हमीरपुर में राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर निकाली गई रैली शिवहर में देशी कट्टा के साथ 4 अपराधी गिरफ्तार चंदौली में मतदान कार्मिकों का द्वितीय रेंडमाइजेस हुआ संपन्न प्रदेश में बच्चों के सुपोषण की जांच के लिए वजन तिहार मनाया जा रहा है जालौन में आज लोकसभा चुनाव के तहत रूट मार्च, फुट पेट्रोलिंग की गयी आईपीएल मैच में ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले 2 आरोपी गिरफ्तार पीलीभीत में दुष्कर्म व पास्को के आरोपी को न्यायालय ने सुनाई 14 वर्ष की सजा और एक लाख अर्थ दंड लगाया भाजपा केे राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा 18 मई को एक दिवसीय चंबा दौरे पर सूरतगढ : अवैध हीरोइन सहित नशा तस्कर गिरफ्तार यूपी बोर्ड : हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में अब होंगे मासिक टेस्ट आज का राशिफल तीर्थन घाटी के भिंडी थाच में शहीद लगन चन्द मेमोरियल कप सीजन-4 का सफल समापन। युवा मतदाता संवाद कार्यक्रम का आयोजन तीन नए आपराधिक कानूनों पर रायपुर में हुई कार्यशाला उत्तराखंड : केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़े-खच्चरों के स्वास्थ्य की जांच के लिए डॉक्टरों की तैनाती

लगाम लगाने पर काम....

Anjali Yadav 14-01-2022 17:38:12

अंजलि यादव,

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,

 

नई दिल्ली: कोरोना संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या के बीच प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक के बाद न केवल संक्रमण पर लगाम लगाने के उपायों पर और गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए, बल्कि इस पर भी गौर किया जाए कि ये उपाय आर्थिक-व्यापारिक गतिविधियों पर प्रतिकूल असर न डालने पाएं। यह इसलिए आवश्यक है, क्योंकि कई राज्य सरकारें संक्रमण की रोकथाम के लिए ऐसे कदम उठाने में लगी हुई हैं, जो एक तरह से लाकडाउन सरीखे हैं। 

इससे कई उद्योग-धंधों पर विपरीत असर पड़ना शुरू हो गया है और कहीं-कहीं तो कामगारों की वापसी के आसार भी उभर आए हैं। न केवल कामगारों की वापसी के अंदेशे को हर हाल में दूर किया जाना चाहिए, बल्कि इसके प्रयास किए जाने चाहिए कि संक्रमण की तीसरी लहर आर्थिक-व्यापारिक गतिविधियों पर न्यूनतम असर डाले। इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि दुनिया के कई देशों में जहां कोरोना संक्रमण कहीं अधिक तेज है, वहां कठोर पाबंदियां लगाने से बचा जा रहा है। वास्तव में पाबंदियों से अधिक जरूरत लोगों को इसके लिए सचेत करने की है कि वे मास्क का इस्तेमाल करें, भीड़-भाड़ से बचें और सार्वजनिक स्थलों पर शारीरिक दूरी बनाए रखने के नियम का पालन करें।

जहां सरकारों के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने स्वास्थ्य तंत्र को सजग-सक्रिय
करें, वहीं आम लोगों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे संक्रमण से बचे रहने के लिए सावधानी का परिचय दें। अभी इसका अभाव दिख रहा है। यह और कुछ नहीं, खुद के साथ औरों की सेहत से खिलवाड़ करने वाला रवैया है। यह ठीक नहीं कि सार्वजनिक स्थलों पर न जाने कितने लोग बिना मास्क के दिख रहे हैं और वह भी तब, जब यह स्पष्ट है कि कोरोना वायरस का नया प्रतिरूप ओमिक्रोन कहीं अधिक तेजी से लोगों को संक्रमित करता है। राज्य सरकारों को टीकाकरण की रफ्तार और तेज करने पर भी ध्यान देना होगा। 

इस क्रम में उन लोगों तक पहुंच बढ़ानी होगी, जिन्होंने अभी टीके की पहली खुराक भी नहीं ली है। प्रधानमंत्री ने टीकाकरण के संदर्भ में हर घर दस्तक अभियान तेज करने की जो जरूरत जताई, उसकी पूर्ति वास्तव में होनी चाहिए। इससे ही शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा। यह सही समय है कि इस पर भी विचार किया जाए कि क्या साठ वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को कोविड रोधी टीके की बूस्टर डोज दी जानी चाहिए? चूंकि अब टीके की कमी जैसी कोई समस्या नहीं है इसलिए उन लोगों को भी बूस्टर डोज देने के बारे में सोचा जाना चाहिए, जिन्हें टीके की दोनों खुराक लिए हुए आठ-नौ माह बीत चुके हैं।

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :