जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने कहा कि ऐसे कमेंट पब्लिक में नहीं होने चाहिए। कानून के तहत कार्रवाई जारी रहे, लेकिन पत्रकार को तुरंत रिहा किया जाना जरूरी है। बेंच ने कहा कि नागरिकों की स्वाधीनता अटल है। इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। यह (स्वतंत्रता) हमें संविधान से मिली है और इससे कोई छेड़छाड़ नहीं हो सकती।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी की निंदा की। राहुल ने
कहा कि योगी आदित्यनाथ मूर्खतापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं। अगर आरएसएस-बीजेपी समर्थित प्रोपोगैंडा और मेरे बारे में फेक न्यूज फैलाने वाले पत्रकारों को जेल में डाल दिया जाएगा तो ज्यादातर अखबारों और न्यूज चैनलों में स्टाफ की कमी हो जाएगी। पत्रकार को रिहा किया जाना जरूरी है।
प्रशांत ने 6 जून को अपने ट्विटर हैंडल पर ‘इश्क छुपता नहीं छुपाने से योगी जी’ शीर्षक से एक पोस्ट की थी। साथ ही एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें एक युवती मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर खड़ी होकर खुद को योगी आदित्यनाथ की प्रेमिका बता रही थी। प्रशांत इससे पहले भी योगी आदित्यनाथ पर उनके जन्मदिन पर टिप्पणी कर चुका था।
इस पर यूपी पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज कर ली और 8 जून को कनाैजिया को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। प्रशांत की पत्नी जगीशा अरोड़ा ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद वकील नित्या रामकृष्णन ने वैकेशन बेंच से इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की थी।
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