ओमीक्रोन बना तीसरी लहर का खतरा

एफए एयरलाइंस क्षेत्रीय एयरलाइन फ्लाईबिग का अधिग्रहण करेगी फिल्म Emergency की फिर बदली रिलीज डेट ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए अपनी डाइट में शामिल करें ये 5 बीज आजमगढ़/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी जनसभा पेयजल समस्या का हुआ समाधान- सतना हमीरपुर में राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर निकाली गई रैली शिवहर में देशी कट्टा के साथ 4 अपराधी गिरफ्तार चंदौली में मतदान कार्मिकों का द्वितीय रेंडमाइजेस हुआ संपन्न प्रदेश में बच्चों के सुपोषण की जांच के लिए वजन तिहार मनाया जा रहा है जालौन में आज लोकसभा चुनाव के तहत रूट मार्च, फुट पेट्रोलिंग की गयी आईपीएल मैच में ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले 2 आरोपी गिरफ्तार पीलीभीत में दुष्कर्म व पास्को के आरोपी को न्यायालय ने सुनाई 14 वर्ष की सजा और एक लाख अर्थ दंड लगाया भाजपा केे राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा 18 मई को एक दिवसीय चंबा दौरे पर सूरतगढ : अवैध हीरोइन सहित नशा तस्कर गिरफ्तार यूपी बोर्ड : हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में अब होंगे मासिक टेस्ट आज का राशिफल तीर्थन घाटी के भिंडी थाच में शहीद लगन चन्द मेमोरियल कप सीजन-4 का सफल समापन। युवा मतदाता संवाद कार्यक्रम का आयोजन तीन नए आपराधिक कानूनों पर रायपुर में हुई कार्यशाला उत्तराखंड : केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़े-खच्चरों के स्वास्थ्य की जांच के लिए डॉक्टरों की तैनाती

ओमीक्रोन बना तीसरी लहर का खतरा

Anjali Yadav 07-12-2021 17:26:22

अंजलि यादव,

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,

 

नई दिल्ली: कोविड-19 वायरस के अब तक के सबसे संक्रामक रूप ओमिक्रॉन के मरीज कर्नाटक के बाद महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली में भी मिले हैं। यह बात सही है कि अभी भारत में इसके मामले बहुत कम हैं, लेकिन इसकी संक्रामकता को ध्यान में रखते हुए जानकार यहां कोविड की तीसरी लहर की भविष्यवाणी करने लगे हैं। एक और दिक्कत यह है कि ओमिक्रॉन के मामले में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां भी अपने टीकों को लेकर श्योर नहीं हो पा रही हैं।

पिछले दिनों अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना के सीईओ ने कहा भी था कि ओमिक्रॉन के स्पाइक प्रोटीन में इतनी बड़ी संख्या में म्यूटेशन हो रहे हैं कि यह वैक्सीन लगाने के बाद बनी एंटीबॉडीज से बचने में कामयाब हो सकता है। इससे ओमिक्रॉन को लेकर फिक्र बढ़ी है। इसके साथ यह भी कहा गया है कि ओमिक्रॉन भले ही संक्रामकता के मामले में कोविड-19 वायरस की दूसरी किस्मों से आगे है, लेकिन यह उतना जानलेवा नहीं है। यों तो इस बारे में समय के साथ अधिक जानकारी सामने आएगी, लेकिन यह मानी हुई बात है कि म्यूटेशन के साथ वायरस कम जानलेवा होता जाता है।


अभी तक दुनिया के जिन देशों में ओमिक्रॉन के मरीज मिले हैं, उनमें से किसी के भी मरने की खबर नहीं आई है। फिर भी एक्सपर्ट्स की भविष्यवाणी को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। इस मामले में दूसरी लहर के दौरान के सबक याद रखने होंगे,
जब स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से लाचार दिख रही थी। तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों के साथ कुछ और बातों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। इधर, वैक्सिनेशन की रफ्तार धीमी पड़ी है। ऐसे लोगों की भी कमी नहीं, जो वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद दूसरी डोज लगवाने में लापरवाही बरत रहे हैं।
 

इस मामले में केंद्र और खासतौर पर राज्य सरकारों को खास पहल करनी होगी। राज्यों को यह भी पक्का करना होगा कि कोविड की जांच की रफ्तार धीमी ना पड़े। दूसरी लहर के बाद कोरोना के मामलों के कम होने के साथ लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने को भी लेकर लापरवाह हुए हैं। याद रखना होगा कि कोविड-19 महामारी खत्म नहीं हुई है और इससे बचने का पहला उपाय सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग है। सरकार को भी ओमिक्रॉन को लेकर चौकस रहना होगा। अगर इसके हॉट स्पॉट उभरते हैं तो जल्द से जल्द वहां से दूसरी जगहों पर संक्रमण रोकने के उपाय करने होंगे। दूसरी लहर के दौरान जिस तरह से पूर्ण लॉकडाउन से बचा गया, वह इकॉनमिक रिकवरी में मददगार साबित हुआ।

संभावित तीसरी लहर में यह सबक भी याद रखना होगा। आखिर में, ओमिक्रॉन को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। जिस तरह से दुनिया से कोरोना महामारी से निपटने के लिए रेकॉर्ड समय में वैक्सीन बनाई। जिस तरह से सामान्य जिंदगी की ओर लौटने की कोशिश हो रही है, वह काबिल-ए-तारीफ है। इसमें कोई शक नहीं है कि दुनिया ओमिक्रॉन के खतरे से भी उबर जाएगी।
 

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :