अंजलि यादव,
लोकल न्यूज ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली: तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यह स्पष्ट है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है। एक्सपर्ट्स भी अब यह मानने लगे हैं। मंगलवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटों के अंदर कोरोना के 37,379 नए मामले सामने आए। तमाम बड़े शहरों में कोरोना के जो नए केस आ रहे हैं, उनमें 50 फीसदी से ज्यादा मामले इसके नए वेरिएंट ओमीक्रॉन के हैं, जो सबसे ज्यादा संक्रामक है। ऐसे में स्वाभाविक ही यह चिंता बढ़ गई है कि कहीं हालात फिर से बेकाबू होने की ओर न चले जाएं। दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू के साथ ही सरकारी दफ्तरों में (आवश्यक सेवाओं को छोड़कर) पूरी तरह से वर्क फ्रॉम होम और निजी कार्यालयों में 50 फीसदी उपस्थिति के आदेश जारी किए गए हैं। मेट्रो स्टेशनों पर लंबी कतार और भीड़भाड़ जैसी स्थिति टालने के लिए मेट्रो व बसों में पूर्ण क्षमता के साथ यात्रियों के बैठने की इजाजत जरूर दी गई है, लेकिन यह भी साफ कर दिया गया है कि किसी भी सूरत में बगैर मास्क के किसी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मिलती-जुलती पाबंदियां अन्य राज्यों में भी लगाई जा रही हैं।
इस बीच, टीकाकरण मुहिम तो यथासंभव तेजी से चल ही रही है, 15 से 18 साल के नवयुवाओं को भी वैक्सीन की शुरुआत हो गई है। पहले दिन 41 लाख से ज्यादा टीनेजर्स
को टीके की पहली डोज दी गई। तीसरी लहर के मद्देनजर जहां बचाव के उपायों पर जोर दिया जा रहा है, वहीं इस बात का भी ख्याल रखा जा रहा है कि लोगों में अनावश्यक रूप से घबराहट न फैल जाए। सावधानी और घबराहट में बड़ा बारीक फर्क है, लेकिन यह फर्क धुंधला पड़ जाए तो सारे किए-कराए पर पानी फिर सकता है। पहले लॉकडाउन और दूसरी लहर से उपजे हालात की स्मृतियां मिटी नहीं हैं। इसलिए दोनों अतियों से बचते हुए चलने में ही बुद्धिमानी है। स्वाभाविक ही दिल्ली सरकार ने नाइट कर्फ्यू और वर्क फ्रॉम होम जैसे कदमों की घोषणा करते हुए यह साफ कर दिया कि राज्य में किसी तरह का लॉकडाउन नहीं लगाया जा रहा और फिलहाल ऐसी कोई योजना भी नहीं है। मुंबई में भी यह स्पष्ट किया गया कि लोकल में यात्रा पर किसी तरह की पाबंदी लगाने का अभी कोई इरादा नहीं है। बेशक ओमीक्रोन से पूरी दुनिया त्रस्त है और तेजी से फैलने की इसकी क्षमता के मद्देनजर हम सबको किसी भी तरह का जोखिम मोल लेने से हर हाल में बचना चाहिए। लेकिन यह भी याद रखने की जरूरत है कि शरीर को नुकसान पहुंचाने के लिहाज से यह अन्य वेरिएंट जितना खतरनाक नहीं है। इसलिए फिलहाल कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी सख्ती से पालन करते और कराते हुए अपनी नियमित गतिविधियां जारी रखना ही सबसे अच्छी नीति हो सकती है।
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