पाकिस्तान की इस्लामिक विचार परिषद (सीआईआई) ने तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने की सिफारिश की है. इस्लाम के विभिन्न मत-संप्रदाय के उलेमा इस परिषद में शामिल होते हैं. इन्होंने कहा है कि एक ही बार में तीन तलाक बोल दिए जाने को एक दंडनीय अपराध बनाया जाना चाहिए. परिषद ने यह सिफारिश कानून एवं न्याय पर संसद की स्थायी समिति से की है.पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, कानून एवं न्याय पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में सांसद बशीर विर्क के सवाल के जवाब में सीआईआई अधिकारियों ने कहा कि भले ही मजाक में कहा जाए लेकिन अगर एक ही सांस
में पति तीन बार पत्नी को तलाक बोल देता है तो तलाक हो जाता है.
संघीय कानून मंत्री फारोग नसीम ने कहा कि इस्लामी इतिहास में इसकी मिसाल मिलती है कि राज्य ने एक ही बार में तीन तलाक बोलने वालों को दंडित किया है. उन्होंने कहा कि इस्लाम के दूसरे खलीफा हजरत उमर ने तीन तलाक देने वालों को दंडित किया था. ऐसे में संसद इसे दंडनीय अपराध बनाने के लिए कानून बना सकती है.
कानून मंत्री से सहमति जताते हुए सीआईआई के चेयरमैन डॉ. किबला अयाज ने कहा कि सुन्नी समुदाय के हनफी समाज में तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाए जाने की जरूरत है
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments