नई दिल्ली - सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारत में समलैंगिक विवाहों के वैधीकरण के संबंध में दाखिल याचिकाओं की सुनवाई शुरू की. केंद्र सरकार की ओर से इसके विरोध में दलीलें दी गईं. ऐसे में कोर्ट ने कहा कि हम बीच का रास्ता निकाल रहे हैं. मामले की सुनवाई अभी जारी है. जहां एक ओर अपने देश में सेम सेक्स मैरिज को लेकर इतना सब हो रहा है, वहीं कई देश ऐसे भी हैं, जो समलैंगिक विवाह की अनुमति देते हैं और उसे वैध मानते हैं.
इस बीच, अगर कानूनी रूप समलैंगिक विवाह को अनुमति दी जाती है, तो यह फैसला भारत को भी इन्हीं देशों की सूची में डाल देगा. ऐसे में हम आपको उन देशों के नाम बताने जा रहे हैं. जहां समलैंगिक विवाह की अनुमति है.
इन देशों में वैलिड होती है समलैंगिक शादी
क्यूबा
एंडोरा
स्लोवेनिया
चिली
स्विटरलैंड
कोस्टा रिका
ऑस्ट्रिया
ताइवान
इक्वेडोर
बेल्जियम
ब्रिटेन
डेनमार्क
फिनलैंड
फ्रांस
जर्मनी
आइसलैंड
आयरलैंड
लक्समबर्ग
माल्टा
नॉर्वे
पुर्तगाल
स्पेन
स्वीडन
मेक्सिको
दक्षिण अफ्रीका
संयुक्त राज्य अमेरिका
कोलंबिया
ब्राज़िल
अर्जेंटीना
कनाडा
न्यूजीलैंड
नीदरलैंड
पुर्तगाल
उरुग्वे
कहीं कोर्ट के फैसले
के बाद तो कहीं कानून बनाकर मिली मान्यता
नीदरलैंड ने साल 2001 में सबसे पहले समलैंगिक विवाह को वैध माना था. जबकि, एशियाई देशों में इसे स्वीकारने वाला पहला देश ताइवान था. इन 34 देशों में से 23 ने समलैंगिक जोड़ों को कानून बनाकर विवाह करने का अधिकार दिया है. दस देशों में कोर्ट के फैंसले से समलैंगिक विवाह को मान्यता मिली. दक्षिण अफ्रीका और ताइवान में भी कोर्ट के फैंसले का पालन करते हुए ही कानून बनाया गया.
कितने देशों में समलैंगिकता अवैध है?
करीब पांच देशों में समलैंगिक संबंधों पर मौत की सजा तक दी जा सकती है. इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और मॉरिटानिया जैसे देश शामिल हैं. शरिया अदालतों के तहत ईरान, सोमालिया और उत्तरी नाइजीरिया के कुछ इलाकों में भी यही बात लागू होती है. वहीं, 71 देशों में समलैंगिक संबंध या अप्राकृतिक संबंध विभिन्न प्रकार के अपराध की श्रेणी में आते हैं.
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