निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस मामले में दोषी पवन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 20 जनवरी को सुनवाई करेगा। दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी। पवन ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पीटिशन (एसएलपी) याचिका दाखिल करके कहा है कि अपराध के समस वह नाबालिग था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषी पवन की नाबालिग होने की याचिका खारिज कर दी थी। दोषी के वकील एपी सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई। गौरतलब है कि यह बात इससे पूर्व अपीलों में भी उठाई जा चुकी है, जिन्हें अदालत खारिज कर चुकी हैं। यह याचिका तब दायर की गई है जब निचली अदालत ने दोषियों को फांसी देने के लिए नई तारीख 1 फरवरी तय की है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया बलात्कार और हत्या मामले के दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका शुक्रवार को बिना किसी देरी के खारिज कर दी। मुकेश 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले के चार दोषियों में से एक है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति द्वारा याचिका खारिज करने की
जानकारी दी है। मुकेश सिंह ने कुछ दिन पहले ही दया याचिका दायर की थी। एक अधिकारी ने बताया, गृह मंत्रालय ने विचार के बाद याचिका को अस्वीकार करने की दिल्ली के उपराज्यपाल की सिफारिश को ही आगे बढ़ाते हुए अपनी सिफारिश राष्ट्रपति के पास भेज दी थी। सूत्रों ने कहा, दिल्ली के उपराज्यपाल ने गुरुवार को मुकेश सिंह की दया याचिका गृह मंत्रालय को भेजी थी। इसपर तुरंत फैसला करते हुए इसे राष्ट्रपति भवन को भेज दिया गया।
दिल्ली की एक अदालत ने चारों दोषियों मुकेश सिंह (32), विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को सुनाई गई मौत की सजा पर अमल का आदेश ‘डेथ वॉरंट’07 जनवरी को जारी किया था। पहले 22 जनवरी की तारीख फांसी के लिए मुकर्रर की गई थी। दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया कि दोषियों को 22 जनवरी को फांसी नहीं हो पाएगी, क्योंकि मुकेश सिंह ने दया याचिका दायर की है। अब राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने के बाद फांसी की नई तारीख तय की गई है। अब चारों दोषियों को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी की सजा दी जाएगी।
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