रुक्मणि चौरसिया
लोकल न्यूज़ ऑफ़ इंडिया
कोरोना और पंचायत चुनाव की वजह से मध्य नहर के लिए जमीन खरीदने के काम पर ब्रेक लग गया है। अमरोहा के किसानों से जमीन लेना सबसे मुश्किल हो रहा है। इसके पीछे वजह यह है कि एक ही खेत के कई-कई लोग मालिक हैं। उसने सहमति बनाना मुश्किल हो रहा है। प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के अंतर्गत बिजनौर, अमरोहा, सम्भल और मुरादाबाद के करीब चार लाख किसानों को लाभ पहुंचाने वाली मध्य गंगा नहर परियोजना द्वितीय चरण का काम दिसम्बर 2021 तक पूर्ण होना था। लेकिन, कोरोना की दूसरी लहर और पंचायत चुनाव से शोर ने काम पूरी तरह से चौपट कर दिया है।
किसान चुनाव में इतने व्यस्त हैं कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों से बात करने को ही तैयार नहीं हो रहे हैं। फोन करने पर कहते हैं, चुनाव के बाद आना। दूसरा कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से भी किसान किसी बाहर से आने वाले लोगों से मिलना भी नहीं चाह रहे हैं। इससे मध्य नहर के लिए जमीन खरीदने का काम पूरी तरह से रुका पड़ा है। इस नहर से 1.46 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। वर्तमान वर्ष 2020-21 में कोविड महामारी के कारण लाॅकडाउन होने
पर भी 235 हेक्टेयर भूमि क्रय की गयी है।
इस दौरान 122 किलोमीटर नहर का निर्माण हुआ एवं 157 पक्के कार्य पूर्ण कराए गए। मध्य गंगा नहर के अधीक्षण अभियंता केएम कंसल ने बताया कि नहर के लिए किसानों से जमीन खरीदने का काम चल रहा था। इस बीच पंचायत चुनाव आ गए। किसान चुनाव में व्यस्त हो गए। दूसरा कोरोना की वजह से भी जमीन की खरीद का काम प्रभावित हुआ है। अप्रैल में जमीन खरीद के लिए शासन ने कुछ धनराशि भी मिलनी है। अब जुलाई में ही नहर के दूसरे चरण का काम पूरा हो सकता है।
कोरोना ने रोकी जमीन की खरीद
मुरादाबाद में 16569 हेक्टयेर, सम्भल में 70917 हेक्टेयर, अमरोहा में 59046 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। परियोजना पर 4417.21 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। परियोजना को पूरा करने के लिए हाल ही में सरकार ने 350 करोड़ रुपये दिए हैं। इससे 250 हेक्टेयर जमीन की खरीद होनी है। लेकिन, किसान जमीन देने में आनाकानी कर रहे हैं। जमीन खरीद में सबसे बुरा हाल अमरोहा का है। वर्ष 2018-19 में 375 हेक्टेयर भूमि क्रय की गयी, जिसकी प्रगति को तेजी से बढ़ाते हुए वर्ष 2019-20 में 742 हेक्टेयर भूमि क्रय की गई है।
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