अमृतपाल सिंह पर हेट स्पीच से लेकर अपहरण तक का केस दर्ज, लगा NSA, जानिए कब तक काटेगा जेल

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अमृतपाल सिंह पर हेट स्पीच से लेकर अपहरण तक का केस दर्ज, लगा NSA, जानिए कब तक काटेगा जेल

Anjali 20-03-2023 11:50:17

अंजलि, 

लोकल न्यूज ऑफ इंडिया 

नई दिल्ली -  वारिस पंजाब दे का चीफ और अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने की कोशिशें कर रही है. मगर  इस बीच भगोड़े खालिस्तानी नेता के संगठन के एक वकील ने दावा किया है कि पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया है और उसका फर्जी एनकाउंटर किया जा सकता है. वहीं, अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह ने सोमवार को पुलिस के आगे सरेंडर कर दिया.

इसी दौरान पुलिस का कहना है कि अमृतपाल सिंह अभी भी  फरार है. पंजाब पुलिस ने अलगाववादी नेता के चार करीबियों को गिरफ्तार कर असम के डिब्रूगढ़ भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि इन लोगों के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम यानी नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. आइए जानते हैं कि अब तक अमृतपाल सिंह पर कौन सी धाराओं में कितने केस दर्ज हुए हैं और इनमें क्या सजा मिल सकती है?

अजनाला कांड में दर्ज हुआ पहला मामला

आनंदपुर खालसा फोर्स के नाम से निजी सेना रखने वाले अमृतपाल सिंह के खिलाफ पहला मामला अजनाला कांड को लेकर दर्ज हुआ था. बीते महीने 23 फरवरी को पंजाब के अमृतसर स्थित अजनाला में अमृतपाल सिंह के समर्थकों और पुलिस के बीच भीषण झड़प हुई थी. अपने एक साथी लवप्रीत तूफान की रिहाई के लिए अमृतपाल अपनी पूरी फौज के साथ अजनाला थाने पहुंचा. इस दौरान अमृतपाल के समर्थकों ने जमकर हथियार और तलवारें लहराई थीं. 

 

इन लोगों ने बैरिकेड्स तोड़कर पुलिस पर हमला कर दिया, जिसमें करीब 6 जवान घायल हो गए थे. आखिरकार अजनाला पुलिस ने उपद्रवियों के आगे हार मानते हुए अमृतपाल के करीबी लवप्रीत को रिहा कर दिया था. अमृतपाल के खिलाफ पहला मामला इसी बवाल को लेकर दर्ज किया गया था. पुलिस ने अमृतपाल सिंह के ही एक पूर्व करीबी वरिंदर सिंह की शिकायत पर उसके खिलाफ आईपीसी की धाराओं 365, 379B, 323, 506, 148, 149 में मामला दर्ज किया था.

अजनाला कांड में क्या हो सकती है सजा?

इस मामले में खालिस्तानी नेता समेत 6 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी. आईपीसी की धारा 365 किडनैपिंग से जुड़ी है जिसमें सात साल तक की सजा और जुर्माना भी लगाया जा सकता है. आईपीसी की धारा 379बी चोट लगने या जान से मारने की नीयत से की गई चोरी से जुड़ी है, जिसमें 3 वर्ष कारावास या आर्थिक दंड या दोनों दिए
जा सकते हैं. आईपीसी की धारा 323 में अगर कोई अपनी इच्छा से किसी को चोट या नुकसान पहुंचाता है, तो ऐसा करने पर उसे 1 साल तक की कैद या 1 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों ही सजा दी जा सकती हैं. धारा 506 में किसी को आपराधिक धमकी देने पर 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा का प्रावधान है. 

आईपीसी की धारा 148 के अनुसार, घातक हथियारों के साथ बलवा करने पर जिससे किसी की मौत हो सकती हो, इसमें तीन साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. इसमें दोनों आर्थिक सजा के साथ कारावास भी हो सकता है. धारा 149 गैरकानूनी जमावड़े को लेकर लगाई जाती है, जो एकराय होकर किसी घटना को कारित करते हैं. इसमें भीड़ में शामिल हर शख्स पर घटना का आरोप लगाया जा सकता है. इस धारा के तहत अपराध के अनुसार सजा मिलती है.

हेट स्पीच का भी मामला दर्ज

अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह के खिलाफ दो हेट स्पीच के भी मामले दर्ज हैं. भड़काऊ भाषण देने पर आईपीसी की धारा 153A और 153AA के तहत मामला दर्ज होता है. वहीं, कुछ मामलों में धारा 505 भी जोड़ दी जाती है. इन मामलों में 5 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. वहीं, संभावना है कि वारिस पंजाब दे के चीफ पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है. दरअसल, उसके 4 करीबियों पर भी एनएसए के तहत कार्रवाई हुई है. 

एनएसए में कब मिलती है जमानत?

नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने या किसी शख्स के देश के लिए खतरा बन सकने की संभावना पर कार्रवाई की जाती है. अगर कोर्ट में इसे साबित कर दिया जाता है तो दोषी को एक साल तक जमानत नहीं मिलती है. वहीं, जमानत की बात करें तो जब तक कोर्ट को नहीं लगता है कि अब उस शख्स से देश की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं होगा, तब तक वो जेल में ही रहेगा.

आर्म्स एक्ट में भी एफआईआर दर्ज

आनंदपुर खालसा फोर्स से जुड़े लोगों से जब्त अवैध हथियारों को लेकर अमृतपाल सिंह समेत कई समर्थकों पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत सात साल की कैद से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. इसमें जुर्माना भी लगाया जा सकता है. 

 

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