नई दिल्ली - यूपी विधानसभा बजट सत्र में पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच जबर्दस्त गहमागहमी हो गई थी, जिसके बाद नौबत तू-तड़ाक तक पहुंच गई और सीएम योगी ने उनके पिता मुलायम सिंह यादव तक का जिक्र कर दिया था, जिस पर अब सपा अध्यक्ष ने पलटवार किया है. बजट पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि "नेता सदन ने अगर किसी के पिता के बारे में कहा है तो दूसरा भी बोलेगा. लेकिन नेताजी ने मुझे ऐसी शिक्षा नहीं दी है.'
अखिलेश यादव ने कहा कि "अगर आप चाहते हैं कि परंपराएं चलें तो आप भी उन्हें मानना होगा, लेकिन आपने कई रीति-रिवाजों का पालन नहीं किया है. नेता सदन ने जो कुछ बोला वो फ्लोर पर नहीं आना चाहिए. किसी के पिता के बारे में कोई कुछ कहेगा, तो दूसरा भी कहेगा. अगर आप परंपरा की बात कहेंगे तो आपने भी कई रीति रिवाज नहीं माने हैं लेकिन हम उस पर चर्चा करना नहीं चाहते, क्योंकि नेताजी ने हमें ऐसी शिक्षा नहीं दी है."
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सीएम योगी और अखिलेश यादव के बीच तीखी बहस हो गई थी. जब सीएम योगी ने सदन
में मुलायम सिंह यादव के एक बयान का जिक्र किया, जिसके बाद सपा अध्यक्ष ने भी खड़े होकर स्वामी चिन्मयानंद का जिक्र कर दिया और पूछा कि वो किसके गुरु थे, उनके टोकने पर सीएम योगी ने गुस्से में कहा कि "शर्म तो आपको आनी चाहिए जो अपने बाप तक का सम्मान नहीं कर पाएं."
विकास को लेकर साधा सरकार पर निशाना
यूपी विधानसभा में आज अखिलेश यादव ने विकास को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और नीति आयोग के आंकड़ों का जिक्र करते हुए विकास की दिशा में यूपी को बहुत पीछे करार दिया. उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास या राम राज्य, बिना समाजवाद के संभव नहीं है. अखिलेश ने कहा कि ये सरकार का यह सातवां बजट है और हर साल सरकार ऐतिहासिक और सबसे बड़ा बजट पेश करने का दावा करती है, लेकिन इतने बजट पेश करने के बाद भी यूपी की स्थिति कई मानकों पर सुधरी नहीं है.
अखिलेश यादव ने 2023-24 के बजट को दिशाहीन बताते हुए कहा कि इसमें न वर्तमान की समस्याओं का समाधान है और न ही भविष्य का रास्ता है. उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने वादा किया था कि किसानों की आय दोगुनी होगी, लेकिन उस वादे का कोई भविष्य अभी तक नजर नहीं आया है.
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