नई दिल्ली - गुजरात विधानसभा के चुनाव की तस्वीरें पूरी तरह से साफ हो चुकी है. बीजेपी ने अपनी प्रचंड जीत हासिल कर नया रिकॉर्ड कायम कर लिया है. वहीं, आम आदमी पार्टी गुजरात में भी अपना खाता खोलने में सफल रही है. आप ने राज्य में 5 सीटें हासिल की है. हालांकि अब राज्य में जीत मिलने के बाद आप को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा क्योंकि दिल्ली और पंजाब में आप की सरकार है तो वहीं गोवा और गुजरात में आप कुछ सीटें हासिल कर सकी है जिससे अब लोगों के बीच कांग्रेस और बीजेपी के अलावा तीसरा विकल्प बन कर उभरेगी.
क्या आ सकती है AIMIM जैसी स्थिति आप पहले गोवा में दो सीटें तो अब गुजरात में 5 सीटें हासिल कर चुकी है. इस जीत नें आप को राष्ट्रीय पार्टी बना दिया है लेकिन अभी भी आप की चुनौतियां खत्म नहीं हुई है. दरअसल आम आदमी
पार्टी के पांच सीटें जीतने पर लोग एक पुरानी कहानी याद कर रहे हैं. कहानी बिहार विधानसभा चुनाव की है. लोग बातें कर रहे हैं कि आप के साथ एआईएमआईएम जैसा हाल हो सकता है यदि आप ने अपने विधायकों पर पकड़ नहीं बनाए रखी. दरअसल, पिछली विधानसभा चुनाव में बिहार में एआईएमआईएम ने 5 सीटें हासिल की थी. बाद में उसके विधायकों में चार आरजेडी में शामिल हो गए थे.
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान को छोड़कर 4 विधायक आरजेडी में शामिल हो गए थे. जिन विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ आरजेडी का दामन थामा उनमें शाहनवाज, मोहम्मद अनजर नईमी, मोहम्मद इजहार असफी और सैयद रुकनुद्दीन शामिल थे. एआईएमआईएम से 4 विधायकों के आरजेडी में शामिल होने से बिहार में वह सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी. बता दें कि वर्तमान में आरजेडी के पास अब कुल 80 विधायक हैं जबकि बीजेपी के पास 78 विधायक हैं.
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